ऋषि पंचमी-जानकारी-11

Started by Atul Kaviraje, September 20, 2023, 05:42:38 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje


                                       "ऋषि पंचमी"
                                      -------------

मित्रो,

     आज दिनांक-२०.०९.२०२३-बुधवार है. आज "ऋषि पंचमी" है. इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 19 सितंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी और 20 सितंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 16 मिनट पर इसका समापन होगा. पौराणिक मान्यता के अनुसार स्त्रियों को रजस्वला में धार्मिक कार्य, घर के कार्य करने की मनाई होती है. मराठी कविटके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको ऋषि पंचमी की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईये, पढते है ऋषि पंचमी की  महत्त्वपूर्ण जानकारी.

             ऋषि पंचमी व्रत एवं पूजन की विधि--

     जाने अनजाने हुयी गलतियों और पापों के प्रायशिचत के लिये ऋषि पंचमी का व्रत (Rishi Panchami Vrat) एवं पूजन किया जाता हैं। ऋषि पंचमी का व्रत महिलायें और पुरूष दोनों ही कर सकते हैं।

1. ऋषि पंचमी (Rishi Panchami) के दिन प्रात: काल स्नानादि नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें।

2. यदि आप स्वयं ऋषि पंचमी का पूजन नही कर सकते तो किसी योग्य ब्राह्मण से भी यह पूजन करा सकते हैं।

3. इस दिन सर्वप्रथम पूरे घर को गाय के गोबर से लीपें और यदि ऐसा नही कर सकते तो सिर्फ पूजा के स्थान को ही गाय के गोबर से लीपें।

4. गाय के गोबर से लिपे हुये स्थान पर एक चौकी बिछायें और तत्पश्चात्‌ उस पर मिट्टी से देवी अरूंधती और सप्तऋषियों की मूर्तियाँ बनाकर स्थापित करें।

5. एक कलश में जल भरकर रखें। फिर हल्दी, रोली ,चदंन, अक्षत और फूल चढ़ाकर पूजा करें। भोग लगायें।

6. सप्तऋषियों की पूजा करते हुये इस मंत्र का जाप करें--

कश्यपोऽत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोऽथ गौतमः ।
जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः ॥
दहन्तु पापं मे सर्वं गृह्नणन्त्वर्घ्यं नमो नमः ॥

7. फिर ऋषि पंचमी की कथा (Rishi Panchami Vrat Katha) कहें या सुनें।

8. दिन में एक ही समय भोजन करें और अपना आचरण सात्विक रखें।

     विशेष : यह बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत हैं, इसे एक बार आरम्भ करने के बाद बिना उद्‌यापन के छोड़ना नही चाहिये। अगर आपको ऐसा लगता हो कि आप यह व्रत लगातार नही कर सकेंगे तो इसका उद्यापन कर सकते हैं।

            ऋषि पंचमी के व्रत की उद्यापन की विधि--

     ऋषि पंचमी के व्रत के उद्यापन (Rishi Panchami Vrat Udyapan) में पूजन की विधि तो वही रहती हैं, बस उद्यापन में ऋषि पंचमी पर सात पण्ड़ितों को भोजन कराया जाता हैं। भोजन कराने से पूर्व उनको सप्तऋषियों का स्वरूप मानकर उनकी पूजा करें।

     उनकी पूजन करनें के बाद उन्हे भोजन करायें और फिर यथासम्भव दक्षिणा देकर उन्हे संतुष्ट करें। तत्पश्चात्‌ गाय को भोजन करायें।

           ऋषि पंचमी के व्रत में क्या करें और क्या ना करें?--

1. ऋषि पंचमी (Rishi Panchami) पर गंगा स्नान का बहुत महत्व होता हैं। इस दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य सभी पापों से छूटकर निर्मल हो जाता हैं।

2. ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें।

3. ऋषि पंचमी के व्रत में दूध, दही, चीनी और हल से जोती गई कोई वस्तु ना खायें।

                           (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-प्रभूभक्ती.नेट)
                          -------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-20.09.2023-बुधवार.
=========================================