II श्री गणेशाय नमः II-संकष्टी चतुर्थी-श्री गणेश चिंतन

Started by Atul Kaviraje, November 01, 2023, 11:00:18 AM

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Atul Kaviraje

                                II श्री गणेशाय नमः II
                                    "संकष्टी चतुर्थी"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज  दिनांक-01.11.2023-बुधवार, संकष्टी चतुर्थीचा पावन दिन आहे . श्री गणेश चरणी वंदन करून, ऐकुया - "श्री गणेश चिंतन"

             संकष्टी चतुर्थी तिथी--

     हिंदू पंचागानुसार संकष्टी चतुर्थी तिथी ३१ ऑक्टोबर २०२३ रोजी रात्री ९ वाजून ३१ मिनिटांनी सुरु होईल. तर दुसऱ्या दिवशी १ नोव्हेंबर २०२३ रोजी रात्री ९ वाजून १७ मिनिटांनी समाप्त होईल. परंतु, या संकष्टीचे व्रत हे बुधवारी १ नोव्हेंबरला केले जाणार आहे.

            शुभ मुहूर्त--

     गणेश पूजनासाठी (Ganesh Pujan) शुभ मुहूर्त (Muhurt) हा सकाळी ७. ४० मिनिटांनी ते ९. ३१ मिनिटांपर्यंत असेल. तसेच सायंकाळी ७. १० मिनिटे ते ८. २० पर्यंत करु शकता.

            संकष्टी चतुर्थीला करा हे उपाय--

     संकष्टी चतुर्थीला सर्वप्रथम आंघोळ करुन नवीन वस्त्र परिधान करावे. त्यानंतर गणेशाला सिंदूर लावून पूजा करावी. सिंदूर हे सुख आणि सौभाग्याचे प्रतीक मानले जाते.

     तसेच श्रीगणेशाला प्रसन्न करण्यासाठी संकष्टी चतुर्थीच्या दिवशी श्रीगणेशाला फुले, मोदक आणि गुळाचा नैवेद्य दाखवला जातो.

     धन (Money) प्राप्तीसाठी संकष्टी चतुर्थीला गणेश स्तोत्राचे पठण करावे. तसेच श्रीगणेशाला जास्वंदीचे फुल आणि दुर्वा अर्पण करावे.

                   (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ साम tv.इ सकाळ.कॉम)
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                                "श्री गणेश चिंतन"
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एकदन्तं शूर्पकर्ण गजवक्त्रं चतुर्भुजम्।
पाशाड़कुशधरं देवं ध्यायेत् सिद्धिविनायकम्।।

ध्यायेद् गजाननं देवं तप्तकाञ्चनसंनिभम्।
चतुर्भुजं महाकायं सर्वाभरणभूषितम्।।

दन्ताक्षमालापरशुं पूर्णमोदकधारिणम्।
मोदकासक्ताशुण्डाग्रमेकदन्तं विनायकम्।।

     भगवान गणेश, जिनके पास एक दाँत, विशाल कान, हाथी के जैसा मुख और चार भुजाएँ है, जो अपने हाथों में पाश और अंकुश धारण करते हैं, ऐसे सिद्धि विनाय देव का ध्यान करे। जिनकी अभंग कान्ति तपाये हुए स्वर्ण के समान दीप्तिमय है, जो चार भुजाधारी, विशालकाय और सब प्रकार के आभूषणों से विभूषित हैं, उन गजानन देव का ध्यान करे। जो अपने हाथों में दन्त, अक्षमाला, परशु और मोदक से भरा हुआ पात्र धारण करते हैं, जिनकी सूँडूका अग्रभाग लड्डू पर लगा हुआ है, उन एकदन्त विनायक का मैं ध्यान करता हूँ।

                    (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-द डिव्हाईन इंडिया.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.11.2023-बुधवार.
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