लफ़्ज़ों का खेल-सावन को आने दो-चाँद जैसे मुखड़े पे बिन्दिया सितारा

Started by Atul Kaviraje, November 04, 2023, 08:22:40 PM

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Atul Kaviraje

                                     "लफ़्ज़ों का खेल"
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मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "येसुदास" की आवाज मे "सावन को आने दो" फिल्म का गीत.

                          "चाँद जैसे मुखड़े पे बिन्दिया सितारा"
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सब तिथियन का चन्द्रमा
जो देखा चाहो आज
धीरे-धीरे घूँघटा
सरकावो सरताज

चाँद जैसे मुखड़े पे बिन्दिया सितारा
चाँद जैसे मुखड़े पे बिन्दिया सितारा
नहीं भूलेगा मेरी जान
ये सितारा वो सितारा
माना तेरी नज़रों में
मैं हूँ एक आवारा हो आवारा
नहीं भूलेगा मेरी
जान ये आवारा, वो आवारा

सागर सागर मोती मिलते
परबत परबत पारस
तन मन ऐसे भीजे जैसे
बरसे महुए का रस
अरे कस्तूरी को खोजता फिरता
है ये बंजारा, हो बंजारा
नहीं भूलेगा मेरी जान
ये बंजारा वो बंजारा
चाँद जैसे मुखड़े पे बिन्दिया सितारा

कजरारे चंचल नैनों में
सूरज चाँद का डेरा
रूप के इस पावन मन्दिर में
हंसा करे बसेरा
प्यासे गीतों की गंगा का
तू ही है किनारा, हो किनारा
नहीं भूलेगा मेरी जान
ये किनारा वो किनारा
चाँद जैसे मुखड़े पे...

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चाँद जैसे मुखड़े पे - Chand Jaise Mukhde Pe
Movie/Album: सावन को आने दो (1979)
Music By: राजकमल
Lyrics By: पुरुषोत्तम पंकज
Performed By: येसुदास
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               (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                       (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-04.11.2023-शनिवार.
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