काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !-इथे एक आहे समाधी जुनी

Started by Atul Kaviraje, November 05, 2023, 09:56:42 PM

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Atul Kaviraje

                   "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज ऐकुया, "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !" या गीत-मालिके -अंतर्गत, एक गीत. या गीताचे शीर्षक आहे- "इथे एक आहे समाधी जुनी"

                             "इथे एक आहे समाधी जुनी"
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या दूरच्या दूर ओसाड जागी कीडे पाखारांवीन नाही कुणी
हा भूमिचा भाग आहे अभागी इथे एक आहे समाधी जुनी

विध्वंसली काल हस्तांमुळे हिला या पहा जागोजागी फटा
माती खड़े आणि आहेत काही हिच्या भोवती भंगलेल्या विटा

आहे जरी लेख हा छेद गेला जुन्या अक्षरातील रेघांमधुन
दुर्वांकुरे अन तरु खुंटलेला निघाला थरातील भेगांमधुन

कोठून ताजी फुले बाभळीनी हिला वाहिले फ़क्त काटे कूटे
ही भंगलेली शलाका पुराणी कुणाचे तरी नाव आहे इथे

रानातला उन मंदावलेला उदासीन वारा इथे वाहतो
फांदितला कावळा कावलेला भुकेलाच इथे तेथे पाहतो

समाधी - ना.घ. देशपांडे
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--प्रकाशक : शंतनू देव
(SUNDAY, DECEMBER 26, 2010)
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                 (साभार आणि सौजन्य-माणिक-मोती.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                            (संदर्भ-♫ गाणीमराठी.com ♫♪)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-05.11.2023-रविवार.
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