धनतेरस-कविता-1

Started by Atul Kaviraje, November 10, 2023, 10:28:30 PM

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Atul Kaviraje

                                        "धनतेरस"
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मित्रो,

     आज दिनांक-१०.११.२०२३-शुक्रवार है. आज "धनतेरस" है. यह पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन आयुर्वेद के पिता भगवान धन्वंतरी, कुबेर देव और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन खरीदारी का बड़ा ही महत्व है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको धनतेरस और दीपावली की बहोत सारी शुभकामनाये. आईये, पढते है धनतेरस पर कविता.

            धनतेरस पर कविता--

धन से ही तो रस हैं सारे
धन ही सुख-दुख के सहारे
धन ही मंदिर,धन ही पूजा
न ऐसा कोई पर्व दूजा
धन ने किये हैं रौशन बाजार
बिन धन यहाँ न कोई मनुहार
सब चाहें चखना इस रस का स्वाद
बिन धन जीवन है बकवास
धन ही पहचान,यही अभिमान
सिवा इस रस के न कोई गुणगान
गज़ब है चाह न दिल कभी भरता
पीने को ये रस हर कोई मचलता
उमर बीत जाए न होगा कभी बस!
जितना मिले ले लें धन ते रस...

--Anil Saini
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                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-rk अलर्ट.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-10.11.2023-शुक्रवार.
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