भाई दूज-कविता-2

Started by Atul Kaviraje, November 15, 2023, 09:15:46 PM

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Atul Kaviraje

                                        "भाई दूज"
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मित्रो,

     आज दिनांक-१५.११.२०२३-बुधवार है. आज  "भाई दूज" है. भाऊ बीज या भाई दूज दिवाली के त्योहार का चैथा और अंतिम दिन है। भाऊ बीज के दिन, बहनें अपने भाइयों के माथे पर कुमकुम का तिलक लगाकर और उन्हें मिठाई खिलाकर उनके लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं। मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको भाई दूज एवं दीपावली त्योहार कि ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईए, पढते है भाई दूज पर कविता.

           भाई दूज कविता--

रूठकर तू क्यों बैठा है भाई, अब मुझसे बात कर
हो गई गलती मुझसे, अब अपनी बहन को माफ कर
बिन तुझसे बात किए कैसे कटेगा वक्त मेरा
देख फलक की ओर चांद की तन्हाई एहसास कर
आज मैं तेरे संग हूँ, कल तुझसे रुखसत हो जाऊंगी
फिर पछताना मत, क्यूंकि मैं लौटकर न फिर आऊंगी
वो रक्षाबंधन और भाई दूज की मस्तियाँ याद कर

और बचपन की शरारतों का फिर से आगाज कर
अब भी गर न बोला तू, तो तुमसे मैं भी रूठ जाऊंगी
एक बार तू मुस्कुरा दे, वरना मैं रोने लग जाऊंगी
नासमझ है तेरी गुड़िया, गुस्ताखी उसकी माफ कर
पड़ गई जो धूल स्नेह पर चल उसको अब साफ कर

--by Kanaram siyol
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                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिहीन्दी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-15.11.2023-बुधवार.
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