दिन-विशेष-लेख-गुरू तेग बहादूर शहीदी दिवस-E

Started by Atul Kaviraje, November 24, 2023, 09:33:17 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                    "दिन-विशेष-लेख"
                             "गुरू तेग बहादूर शहीदी दिवस"
                            -----------------------------

मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज दिनांक-24.11.2023-शुक्रवार आहे.  २४ नोव्हेंबर, हा  दिवस "गुरू तेग बहादूर शहीदी दिवस  " म्हणूनही ओळखला जातो. वाचूया, तर या दिवसाचे महत्त्व, आजच्या या "दिन-विशेष-लेख" या शीर्षकI-अंतर्गत-- (लेख क्रमांक-१)

     हिंद की चादर (भारत का ढाल) के नाम से प्रसिद्ध गुरु तेग़ बहादुर जी सिख समुदाय के नौवें गुरु थे। उन्होंने कश्मीरी पंडितों एवं अन्य हिंदुओं को औरंगजेब द्वारा जबरन मुसलमान बनाये जाने की नीति का बलपूर्वक विरोध किया। गुरु तेग़ बहादुर का कहना था कि सिर कटा सकते हैं लेकिन केश नहीं, उनके इस रवैये से क्रुद्ध होकर मुगल शासक औरंगज़ेब ने सबके सामने उनका सिर कटवा दिया। गुरु तेग़ बहादुर को नि:स्वार्थ शहीद कहा जाता है तथा हर साल 24 नवंबर को उनकी शहादत को, शहीदी दिवस के रुप में मनाया जाता है।

     साथियों आज इस लेख 'गुरु तेग़ बहादुर (शहीदी दिवस) पर 10 लाइन' के माध्यम से हम गुरु तेग़ बहादुर तथा उनसे संबंधित शहीदी दिवस के बारे में जानेंगे।

1) गुरु तेग़ बहादुर सिखों के नौवें गुरु थे, इनका जन्म अप्रैल, 1621 में अमृतसर में हुआ था।

2) उनके पिता का नाम गुरु हर गोविन्द तथा माता का नाम नानकी था।

3) उनका बचपन का नाम त्यागमल था।

4) सिखों के आठवें गुरु (हरकिशन सिंह) तथा उनके पिता ने उनकी योग्यताओं एवं बहादुरी को देखते हुए उन्हें 'गुरु तेग़बहादुर' नाम दिया था।

5) 20 मार्च, 1664 को गुरु तेग़ बहादुर ने सिखों के गुरु का पदभार संभाला।

6) 'गुरु तेग़बहादुर' ने जब मुगल बादशाह औरंगज़ेब द्वारा जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध किया तो औरंगज़ेब के सिपाहियों ने उन्हें बंदी बना लिया।

7) 'गुरु तेग़ बहादुर 'को बंदी बनाकर आठ दिनों तक चांदनी चौक की कोतवाली में रख कर प्रताड़ित किया गया फिर भी वो अपने फैसले पर अडिग रहे।

8) चांदनी चौक में सरेआम मुगल बादशाह औरंगज़ेब के जल्लादों ने 24 नवंबर सन् 1675 को उनका सिर उनके धड़ से अलग कर दिया।

9) उनके कटे शीश को एक सिख भाई 'जैता जी' ने आनंदपुर साहिब लाकर अंतिम संस्कार के लिए उनके पुत्र गुरु गोविंद सिंह को सौंप दिया।

10) उन्हें श्रद्धांजली देने के लिए सिख समुदाय के साथ अन्य समुदाय तथा धर्मों के लोग भी 24 नवम्बर को शहीदी दिवस के रूप में मनाते हैं।

--By Sandeep Vishwakarma
-------------------------------

                      (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-हिंदी की दुनिया.कॉम)
                     ---------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-24.11.2023-शुक्रवार.
=========================================

CHECK OUT MY SOCIALS -

INSTAGRAM - https://instagram.com/atul_chya_kavita
PINTEREST - https://www.pinterest.com/chyakavitaatul55/
TWITTER(X)- https://twitter.com/AtulChyaKavita
YOUTUBE   - https://www.youtube.com/@atulchyakavita4928/videos
FACEBOOK  - https://www.facebook.com/atulchyakavita
=========================================