प्रकृति

Started by Atul Kaviraje, October 12, 2024, 05:19:16 PM

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Atul Kaviraje

प्रकृति-

प्रकृति पर हिंदी कविता-

सूरज की किरणों से खिलता है संसार
हर सुबह लाती है नया उजाला, एक नज़ारा
पेड़-पौधे हंसते, रंग-बिरंगे फूल,
प्रकृति की गोद में है सुख का समूल।

नदियाँ बहतीं, कल-कल करते गाती
पहाड़ों की ऊँचाई पर बर्फ की चादर लपेटी
चिड़ियों की चहचहाहट, तितलियों का नृत्य,
प्रकृति का ये सौंदर्य, सच्चा है अनुग्रह।

मिट्टी की खुशबू, बारिश की बूँदें
हर मौसम लाता, नई रंगीनियाँ
साँझ ढलती है, आकाश में रंग बिखरते,
प्रकृति की इस सुंदरता में, मन हर बार मचलते।

हम सबका कर्तव्य, इसे बचाना है
प्रकृति की छाया में, जीवन सवारना है
धरा माँ की तरह, हमें प्रेम देती,
इसकी रक्षा करना, हमारी जिम्मेदारी बनती।

आओ मिलकर संकल्प लें, प्रकृति को संवारें
हरियाली में खोकर, सुख से हम साकारें
प्रकृति की गोद में, मिलकर रहेंगे हम,
सुरक्षित इस धरती पर, खुशियाँ बाँटेंगे हम।


--अतुल परब
--दिनांक-12.10.2024-शनिवार.
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