बालदिवस - कविता-

Started by Atul Kaviraje, November 14, 2024, 05:33:11 PM

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Atul Kaviraje

बालदिवस - कविता-

बालदिवस आया है, खुशियाँ लाया है,
चाहतों का नया रंग, हर चेहरे पर छाया है।
पं. नेहरू की यादों में, बच्चों का संसार बसा,
उनकी आँखों में ख़्वाबों का चाँद जला है।

चाचाजी का प्यार, उनका आदर्श हमें मिले,
बच्चों के उज्जवल भविष्य की राहें खुद खुलें।
शिक्षा की ताकत से, रोशन हो हर एक दिल,
संस्कारों से सवरें, बढ़े कदम मिले।

बालक, बालिका, समान अधिकार पाएं,
हर बच्चे को अवसर, उसी का हक बनाएं।
खेल-खिलौने हों, पुस्तकें हो सुलभ,
स्वस्थ, सुरक्षित जीवन हो, यही हो हमारा लक्ष्य।

आज के दिन हम सब संकल्प लें,
बच्चों को हर हक दिलाएं, न किसी से कम करें।
बालदिवस पर संजीवनी शक्ति जगी हो,
सपनों को हकीकत में बदलने की जोश बढ़ी हो।

आओ मिलकर इस दिन को मनाएं,
बालकों के भविष्य को सजाएं।
पं. नेहरू के सपनों को साकार करें,
हर बच्चे को एक सुनहरा कल दे ।

--अतुल परब
--दिनांक-14.11.2024-गुरुवार.
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