भगवान गणेश जी का जन्म और उनकी उत्पत्ति की कहानी - भक्ति कविता-

Started by Atul Kaviraje, November 19, 2024, 09:34:52 PM

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Atul Kaviraje

भगवान गणेश जी का जन्म और उनकी उत्पत्ति की कहानी -  भक्ति कविता-

गणेश जी का जन्म-
शिव-पार्वती के महल में, एक दिन अद्भुत बात हुई,
देवी पार्वती ने माटी से, एक बालक की रचना की।
उसको प्राणों का संचार कर, उन्होंने घर में रखा,
कभी न देखे गए रूप में, माता-पिता को वह प्रिय था।

हत्तीमुख का रचनाकार-
पार्वती के प्रेम ने जन्म दिया, एक प्यारे बालक को,
उसने माँ की आज्ञा के अनुसार, दिया घर का पहरा ।
एक दिन भगवान शिव आए, दरवाजे पर थे खड़े,
गणेश ने उन्हें रोका, "कृपया आप अंदर न जाये ।"

शिवजी का क्रोध-
शिव जी गुस्से में आए, यह क्या बात हुई?
माता के आदेश का पालन करने की, यह कैसी अदा हुई?
गुस्से में उन्होंने बालक का सिर काट डाला,
लेकिन इस कृत्य ने देवी पार्वती को गहरा दुख दिया।

हाथी का सिर जोड़ना-
तब शिव जी को अहसास हुआ, उनका कृत्य बहुत दुखदायक है,
उन्होंने आदेश दिया, "आओ, हाथी का सिर लाओ, फिर उसे जोड़ दो।"
हाथी का सिर लाया गया, बालक को पुनः जीवित किया,
तभी गणेश जी को नया रूप मिला, और देवों का आशीर्वाद मिला।

गणेश की महिमा-
"विघ्नहर्ता" और "बुद्धि के देवता" का नाम पाया,
सबसे पहले पूजे जाने का अधिकार पाया।
गणेश जी का आशीर्वाद सच्चे मन से लें,
सभी बाधाएँ दूर होंगी, जीवन में खुशियाँ रहें।

सारांश:-
गणेश जी की उत्पत्ति की यह कथा, हमें सिखाती है,
सच्चाई, आस्था, और भक्तिपूर्ण जीवन की राह।
विघ्नों को हराने वाला, बुद्धि का देवता है गणेश,
उनकी पूजा से हर कार्य में मिलती है सफलता, और जीवन में होती है उत्कर्षता ।

"ॐ गण गणपतये नमः" 🙏💫

--अतुल परब
--दिनांक-19.11.2024-मंगळवार.
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