देवी दुर्गा का भक्तिरंग-भक्तिभावपूर्ण काव्य:-

Started by Atul Kaviraje, November 30, 2024, 09:24:28 PM

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Atul Kaviraje

भक्तिभावपूर्ण काव्य:-

देवी दुर्गा का भक्तिरंग-

शक्तिरूपा दुर्गा, महाक्रूर बुराई पर,
सभी दुष्कर्मों को नष्ट करतीं, सौम्यता से सवार।
सिद्धियों से महिमा, सत्य के दीप जलाती,
हर संकट से बचातीं, हमें आत्मविश्वास सिखातीं।

धैर्य की देवी, साहस की रानी,
समर्पण से करतीं शांति की आकाशवाणी।
हर मनुष्य में शक्ति का संचार करें,
दुर्गा के चरणों में सब भक्ति अर्पण करें।

प्रेम से भरा, विश्वास से पवित्र,
हर हृदय में बसी है, देवी दुर्गा की विद्वत्ता ।
समानता, दया, और सेवा की भावना,
हर आत्मा घुल जाती है, दुर्गा की कृपा में।

--अतुल परब
--दिनांक-29.11.2024-शुक्रवार.
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