"बिस्तर में आरामदेह नाश्ता"

Started by Atul Kaviraje, December 09, 2024, 09:46:49 AM

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Atul Kaviraje

दोस्तो, सुप्रभात, सोमवार मुबारक हो

"बिस्तर में आरामदेह नाश्ता"

बिस्तर में आरामदेह नाश्ता,
सूरज की किरणों में खिलता ताजगी का रंग,
सुबह की नर्म हवा बहती है हल्के-हल्के,
मन को शांति और स्वाद देती है यह सुबह का संग।

गर्मागरम चाय का प्याला हाथ में,
नींद से उबरते हुए, दिल को मिलती राहत,
ताजे फल, और बटर से सजा हुआ ब्रेड,
हर एक निवाला जैसे जीवन को देता हो नई राहत।

सभी चिंताओं से दूर, नजारे का सुख,
सपनों में खोने का पल, और हर स्वाद में निखार,
आंखों के कोने में हल्की सी मुस्कान,
हर एक कौर में समाहित होता है प्यार।

आलसी पलों में सजे यह नाश्ते के क्षण,
संग बिस्तर के आराम में खो जाने की बात,
सुनहरे ख्वाबों के साथ उभरते सुख,
हर सुबह का यह प्यारा सा सादगी का राज।

प्याली में उभरती है गहरी खुशबू,
साथ में फल, मिठास और नमकीन का मेल,
मौन में हर बात चुपचाप सुनाई देती है,
जब मम्मी की बनाई स्वादिष्ट पराठे में रोटी का खेल।

हाथों में किताब, आँखों में स्वप्न,
हर निवाले में छुपा हो एक सुखद संदेश,
नाश्ते की मिठास और ताजगी से भरपूर,
इस दिन की शुरूआत, हो जाती है खास।

बिस्तर में नाश्ता, एक मीठी आदत है,
हर रोज़ का यह नज़ारा कुछ ख़ास है,
जिंदगी की भागदौड़ में, जब सब कुछ रुक जाए,
इस छोटे से पल में, खुशी का राज़ है।

चाय की गर्मी, मक्खन से सजे टोस्ट,
साथ में मुस्कान, नृत्य करती हुई थोडी सी जोश,
कभी तो फल, कभी जूस, कभी सूप,
यह बिस्तर में नाश्ता, दिल को करता है झूम।

सुरज की किरणें, कमरे में घुसी आती हैं,
उत्साही और ताजगी से भर देती हैं यह बातें,
सपने हैं खोले, आँखें मुस्काईं,
अच्छे दिन की शुरूआत, इस नाश्ते में समाई।

इसी आरामदेह सुबह का सपना,
हर एक कौर में यह सुकून समेटे,
बिस्तर में नाश्ता, एक छोटे से रिवाज में,
जिंदगी की खुशियाँ इस पल में लहराए।

यह कविता बिस्तर में आरामदेह नाश्ते के सुख और उसकी ताजगी को दर्शाती है, जो एक शांति और सुख का अहसास देता है। यह नाश्ता न केवल शारीरिक ऊर्जा का स्रोत है, बल्कि मानसिक शांति और ताजगी का भी प्रतीक है, जो दिन की शानदार शुरुआत का संकेत होता है।

--अतुल परब
--दिनांक-09.12.2024-सोमवार.
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