"ओस की बूंदों के साथ खिले हुए फूल"

Started by Atul Kaviraje, December 11, 2024, 08:45:31 AM

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Atul Kaviraje

सुप्रभात, बुधवार मुबारक हो

"ओस की बूंदों के साथ खिले हुए फूल"

ओस की बूँदें, सवेरे की रौशनी में नहाई,
फूलों पर बिखरीं, जैसे स्वप्नों ने मुस्काई,
चमकते हुए ये मोती, हवा में तैरते जाएं,
हर एक क़दम में बसी एक नई ताजगी समाए।

सर्दी की सिहरन और धूप की हल्की छाँव,
हर फूल में बसी है ख़ुशबू की एक नयी गाथा,
ओस की बूँदें जैसे शब्दों के बिना गा रही हैं,
फूलों की पंखुड़ियाँ, छुपी हुई हैं किसी प्यारी याद में।

हर पंखुड़ी में बसी एक नयी कहानी,
एक उम्मीद, एक अरमान, जीवन की निशानी,
ओस की बूँदें छिपी हैं इन मासूम चेहरों में,
जैसे कोई ख्वाब, जो धीरे-धीरे खुले बिना बिखर जाए।

फूलों की रंगत, जैसे आकाश का रंग,
हर रंग में छुपी एक धड़कन, एक उमंग,
कभी लाल, कभी सफ़ेद, कभी गुलाबी या नीला,
हर रंग एक नई राह की ओर ले जाता है प्यारा।

ओस की बूँदें, जैसे दिल की गहराई से निकलता सागर,
इनमें बसी है एक नई दुनिया, कुछ खास, कुछ ताजगी से भरपूर,
इन्हें देखकर मन शांति और सुकून की राह पर चलता है,
हर बूँद एक प्यारा एहसास, जो धीरे-धीरे मन में समाता है।

फूलों का खिलना, जैसे जीवन का संगीत,
जो हमारे दिलों में गूंजता है नित्य,
सजग हैं ये फूल, ओस के साथ चुपके से मुस्काते,
हर एक पंखुड़ी में बसी है एक उम्मीद जो कभी खत्म नहीं होती।

कभी बारिश की बूंदों जैसी ओस की बूँदें बिखर जाती हैं,
कभी नाजुक सी हवाओं में फूलों के रंग उड़ जाते हैं,
लेकिन हर पल में यह संकेत छुपा होता है,
कि जीवन में हर सवेरे एक नयी सुबह आती है।

ओस की बूँदें और फूलों का खिलना,
हमें सिखाता है, जीवन के सच्चे रंगों को अपनाना,
इन्हें देख कर मन में उम्मीदों के दीप जलते हैं,
और हर एक नए दिन की शुरुआत, जैसे जीवन का जश्न मनाते हैं।

     यह कविता ओस की बूँदों और खिले हुए फूलों की सुंदरता को दर्शाती है, जो जीवन की ताजगी, उम्मीद और सुंदरता की प्रतीक हैं। यह फूलों की रंगत और ओस की बूँदों के माध्यम से यह सिखाती है कि जीवन में हर एक छोटी सी चीज में एक नई उम्मीद और ताजगी छुपी होती है।

--अतुल परब
--दिनांक-11.12.2024-बुधवार.
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