"दोपहर का खूबसूरत नज़ारा और हाथ में कॉफ़ी का प्याला"

Started by Atul Kaviraje, December 13, 2024, 04:38:48 PM

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Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, शुक्रवार मुबारक हो

"दोपहर का खूबसूरत नज़ारा और हाथ में कॉफ़ी का प्याला"

दोपहर की रौशनी में बसी एक शांति,
आसमान के गहरे नीले रंग में पिघली ताजगी,
सूरज की किरणें धीरे-धीरे फैलती हैं,
मन की अंधेरी राहें फिर से रौशन होती हैं।

बालकनी से दिखता है एक दृश्य मनमोहक,
हर चीज़ में बसी है एक रहस्यमयी चुप्प,
फूलों में खुशबू, पत्तों में हरी भरी शक्ति,
हर आहट, हर सांस में एक गहरी लय है।

मेरे हाथ में कॉफ़ी का प्याला है हल्का,
संग एक सुकून, जो दिल में बसा है जरा सा,
चाय के मुकाबले अलग, कुछ खास ही बात है,
सांसों में घुलती है यह खुशबू जैसे कोई मीठी सौगात है।

धूप में बसी एक धीमी सी गर्माहट,
हर एक कण में बसी ठंडक और राहत,
कॉफ़ी की प्याली में जो सुकून है छुपा,
वो दिल के तारों को एक सुर में बाँधता है।

दूर कहीं, पहाड़ों पर बर्फ़ की सफ़ेद चादर,
वहीं पास में, एक नदी की लहरें करती हैं मंत्रमुग्ध,
पक्षियों का गीत गूंजता है हवा में,
और मैं अपने प्याले में खो जाता हूँ हर कदम में।

कॉफ़ी के हर घूंट में घुलती है जादू की सी बात,
जैसे जीवन के हर पल में बसी हो कोई अद्भुत सौगात,
स्मृतियाँ जैसे धीरे-धीरे चेहरे पर मुस्कान बन जाती हैं,
और मृदुलता में सिमट कर कोई कहानी सुनाती हैं।

हाथ में प्याला, आँखों में दूर तक फैला दृश्य,
आकाश में घुमते बादल और बर्फ़ की सरसराहट,
यह नज़ारा, यह घड़ी, जैसे एक कविता हो जीवन की,
जो चुपचाप खींच कर लाती है हर दिल को राहत की।

नदी की कलकल, और हवा की मृदु छाँव,
संग अपनी चाय की प्याली, एक गहरी आह,
कभी तेज़ और कभी धीमी, ये लहरें कहती हैं,
जैसे कोई प्रेम कथा हो, बस इन लम्हों में बसी हो।

दूर-दूर तक फैला यह दृश्य, आंखों के सामने,
गाँव की मिट्टी, खेतों की हरी-भरी सजीवता,
संग साथ में बसी कॉफ़ी की मिठास,
यह पल, यह दिन, जैसे जीवन का सबसे सुंदर विश्वास।

कॉफ़ी की गरमाहट से शरीर में फैलती सुकून,
मानो इस पल को सहेजते हुए बंद हो गई हो कोई धड़कन,
यह दृश्य, यह प्याला, जैसे वक्त का सच,
हर घूंट के साथ जीवन को पाते हैं हम और भी सच्चे।

बाहरी दुनिया की धड़कनें धीमी हो जाती हैं,
जब मन को ये दृश्य और कॉफ़ी का प्याला साथ मिल जाता है,
सिर्फ़ एक आंतरिक शांति और बाहर का सुंदर दृश्य,
कितनी अद्भुत होती है ये सरल, पर पूरी दुनिया बदल देने वाली स्थिति।

कॉफ़ी का प्याला और उस प्याले में बसी एक छोटी सी ख्वाहिश,
कि यही शांति, यही सुंदरता हमेशा मेरे पास रहे,
दूर-दूर तक फैला हो हर ओर यह दृश्य,
साथ अपनी प्यारी कॉफ़ी का प्याला हो, कभी न हो कोई भी दूरी।

यह दृश्य, यह प्याला, जीवन का अनमोल क्षण,
जब सब कुछ ठहर जाता है, और दिल की आवाज़ सुनाई देती है,
एक गहरी राहत, एक गहरी मुस्कान,
साँसों में बसी हो यह अद्भुत मधुरता, यही हो हमारी पहचान।

--अतुल परब
--दिनांक-13.12.2024-शुक्रवार.
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