"मंद स्ट्रीट लाइट वाली एक शांत सड़क"

Started by Atul Kaviraje, December 17, 2024, 12:05:00 AM

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Atul Kaviraje

शुभ रात्रि, सोमवार मुबारक हो

"मंद स्ट्रीट लाइट वाली एक शांत सड़क"

रात का आकाश गहरा और शांत,
सड़क पर बिखरी रौशनी, मंद और संत।
हर कदम की गूंज, कुछ दूर तक सुनाई देती है,
सन्नाटा गहरा होता है, जैसे दुनिया सो रही हो, कहीं छुपी सी रहती है।

सड़क के किनारे, हल्की सी आंधी बहती है,
मंद लाइट्स में, हर शै एक कहानी कहती है।
सूरज की किरणों का अब नाम नहीं,
यह रात का समय है, सच्चाई से दूर, जो दिल की बात कहता नहीं।

हर कदम पर एक खामोशी सी छाई,
लाइट्स की मंदी में, जैसे कुछ छुपा हो, कहीं रुक जाए।
चाँद की रौशनी भी चुपचाप गुजर जाती है,
सड़क के नीचे छायाएँ ढलती जाती हैं, और सब कुछ धीमे से बहता जाता है।

सड़क के किनारे कुछ पेड़ खड़े हैं,
उनकी शाखाएं लहराती हैं, और कुछ मुस्कराती हैं।
सूरज अब कहीं दूर, अपनी नींद में खो जाता,
हर छोटी लहर, जैसे जीवन की गहरी यादों को फिर से जोड़ जाता।

मंद लाइट्स की सुनहरी छाया में,
वह हलकी सी धुंध, जैसे एक अजूबा सी राह हो।
सड़क पर हर टर्न पर नई रचना बनती,
नैतिकता की दिशा, फिर भी न बदलती।

हर घर में, दरवाजों पर सोती सी छायाएँ,
गुलाबी रोशनी में, चुपचाप जिंदगी की बातें बयां होती हैं।
वह मोड़, वह इमारत, वह खोले हुए दरवाजे,
एक खामोशी में भी, जीवन के सपने बुनते जाते।

मंद लाइट के बीच एक तन्हाई बसी,
एक चुप्प, जो दिल को छुने वाली।
शहर की सारी हलचल यहाँ से दूर है,
यह सड़क एक सपना है, जो हर रोज़ बुनता है, फिर खुद खो जाता है।

यह सड़क, यह लाइट्स, यह सब कुछ सुलझा,
एक जादू सा, जो जीवन की हर सच्चाई से जुड़ा।
धीरे-धीरे आगे बढ़ते कदम,
हर कदम एक कहानी, हर कदम एक अनकहा भूतकाल।

हर लहर में वो शांत आवाज है,
जो किसी अज्ञात स्थान से उठती है।
यहाँ सब कुछ होता है निःशब्द, जैसे एक गुप्त कविता,
जो हवाओं में खो जाती है, फिर भी दिल में समाहित रहती है।

यह शांत सड़क, ये मंद लाइट्स,
यहाँ दुनिया की आवाजें, फिर भी सुनाई देती हैं,
कभी दूर, कभी पास,
यह सड़क हमें अपनी राह दिखाती है, जैसे हमें खुद से मिलने का अवसर मिलता है।

वो गहरी रात, वो हल्की सी रौशनी,
हमारे कदम, और हमारी बातें,
सभी की एक सी कहानी,
जो कभी खत्म नहीं होती, हमेशा एक नई शुरूआत बन जाती है।

--अतुल परब
--दिनांक-16.12.2024-सोमवार.
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