"ताज़े फल और स्मूदी टेबल पर"

Started by Atul Kaviraje, December 17, 2024, 02:41:53 PM

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Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, मंगलवार मुबारक हो

"ताज़े फल और स्मूदी टेबल पर"

सूरज की किरणों से रंगी एक सुबह आई,
जैसे हर वस्तु ने प्रेम से मुस्काई,
टेबल पर बिछा हुआ सफेद कपड़ा नर्म,
उस पर रखे ताज़े फल, जैसे आकाश का हर रंग हो लहर।

संतरे की सुंदरता, सुनहरे रंगों में लहराए,
उनकी खुशबू से हवा भी महक जाए,
कलेजे को ठंडक देने वाला नींबू,
ताज़े रस का स्वाद, जीवन में कुछ खास जुड़ने जैसा।

सेब की लालिमा, पत्तियों में झलकती,
चमकते उसके लाल रंग में उन्मुक्त भाव मिलती,
हर काट में ताजगी का अहसास हो,
उसकी मीठी मिठास दिल को शांति दे, एक सुकून हो।

केले की खुशबू, थोडी सी मखमली,
पपीता, अनानास, मेलन—ये भी अनोखी कहानी,
हर फल का अपना रंग, स्वाद, और गंध,
मन को सुकून देने वाली एक अद्भुत विधि बंध।

स्मूदी की सुंदर ग्लास, गले से उतरती जाती,
मango, स्ट्रॉबेरी, और दही की मिठास, मिलकर वाह चमत्कारी,
संग हरे पत्तों का रंग, और बर्फ का छा जाना,
हर घूंट में ताजगी, जैसे जिंदगी में नई उमंग आना।

स्मूदी के छोटे-छोटे बबल्स, धीरे-धीरे उड़ते,
हवा से मिलकर, ताल में पिघलते,
कभी खट्टे, कभी मीठे, और कभी हल्के से ताजे,
एक मिश्रण सा, जो हर पल को एक नई राह दिखाए।

रंग-बिरंगे फल और चमचमाती स्मूदी,
एक गहरी नसीहत, जैसे जीवन की सादगी,
हमारे प्यालों में जो घट रहा है,
वह हर स्वाद, हर रंग, हमारे दिल को नवा रहा है।

पलभर ठहर जाए ये समय, यही सोचें,
हमें क्या चाहिए जीवन में? सिर्फ इस शांति को पोसें,
एक हंसी, एक चुस्की, एक दोस्ती का एहसास,
इन्हीं छोटे-छोटे पलो में छुपा है जीवन का अहसास।

फल अपनी सुंदरता से मन को भरा रहे,
स्मूदी के हर घूंट में स्वाद पल रहे,
टेबल पर रखा यह भोजन नहीं, यह तो एक अनुभव है,
जो जीवन को एक नए दृष्टिकोण से देखने की प्रेरणा देता है।

अब इस सुंदर दृश्य को आँखों में समेट लेंगे,
फल और स्मूदी के हर क़ीमती लम्हे को दिल में संजो लेंगे,
कभी न भूलने वाली एक याद बन जाएगी यह टेबल,
और हर चम्मच, हर घूंट, हमारी सादगी की पहेली बन जाएगी।

सादगी में छुपा आनंद, संतुष्टि का गहरा राग,
यहां हर स्वाद में जीवन का एक नया सवाल,
क्या हम सच्चे मायनों में खुशी को समझ पाए हैं?
क्या यह टेबल, यह फल, यह स्मूदी हमारे अस्तित्व को छू पाए हैं?

हर क़ीमती घूंट के साथ एक पल गुजरता जाएगा,
लेकिन यह ताजगी, यह खुशबू, हमेशा मन में रहेगा,
फल और स्मूदी की यह अद्भुत बैठक,
हमेशा हमारे दिलों में एक मीठी सी याद बनकर रहेगी।

--अतुल परब
--दिनांक-17.12.2024-मंगळवार.
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