"नरम रोशनी वाला एक आरामदायक बेडरूम"

Started by Atul Kaviraje, December 17, 2024, 09:12:43 PM

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Atul Kaviraje

शुभ संध्या, मंगलवार मुबारक हो

"नरम रोशनी वाला एक आरामदायक बेडरूम"

शाम की हल्की सी खामोशी में,
जब दिन थक कर सो जाता है,
एक कमरे में, जहाँ शांति बसी है,
नरम रोशनी धीरे-धीरे फैल जाती है।

दीवारें रंगी हुई, मृदु और सुकून भरी,
जैसे हर रंग में कोई सुख छिपा हो,
गुमसुम सा लगता है यह स्थान,
जहाँ हर कोण में विश्राम का अहसास हो।

बेड के पास एक छोटी सी टेबल है,
उस पर जलती है हल्की सी बत्तियाँ,
जिनकी रोशनी जैसी,
कोई सौम्य सा गीत गा रही हो।

पलंग पर बिछे हैं मुलायम गद्दे,
चादरें ठंडी, जैसे रात का जादू हो,
तकिए नरम, सजे हुए हैं बेदाग,
जिनमें छुपा हो एक सुखद अहसास।

कमरे की हर एक दीवार जैसे बोल रही हो,
सुकून की भाषा, खामोश मगर गहरी,
हर फर्नीचर, हर चीज़ यहाँ,
आपको अपने में समाहित कर लेती है।

पंखे की धीमी घुंघराती ध्वनि,
जैसे हवा भी रात की आराम में बसी हो,
किचन से दूर, और दुनिया से भी दूर,
यह कमरा बस आपका ही लगता है।

खिड़की से आती है ठंडी हवा,
जिसमें रात के फूलों की महक छिपी हो,
सूरज के जाने के बाद की ताजगी,
जो अभी भी कमरे में ताजगी की तरह बसी हो।

आलमारी में सजे हुए पुराने किताबें,
जिन्हें कभी-कभी हाथ लगाकर पढ़ते हैं,
गेंदे के फूलों की खुशबू आ रही हो,
शायद कहीं पास ही एक पौधा हो।

वह एक छोटी सी टेबल, जिस पर चाय की कप,
एक किताब, और आधे बुझे हुए मोमबत्ती का धुंआ,
कभी यहाँ एक हंसी की गूंज होगी,
कभी यहाँ शांति की गहरी जड़ें होंगी।

नरम रोशनी कमरे को एक खास एहसास देती है,
जैसे सूरज की किरणें अब धीरे से समाती हों,
वह हल्का सा संगीत, जो बिना आवाज़ के गूंजे,
कमरे को चुप्पी में भी एक गीत सा महसूस होता है।

वह छोटी सी घड़ी, जो समय की क़ीमत समझाती हो,
जो हमें याद दिलाती है, कि हम जितना चाहें,
उतना समय हमारे पास होता है,
लेकिन कुछ पल सिर्फ आराम के लिए होते हैं।

बाहर अंधेरा गहराता जाता है,
लेकिन कमरे में हर जगह रोशनी की चुप्प है,
यह शांति, यह आराम, यह मुलायम प्रकाश,
आपको हर चिंता से दूर कर, विश्राम का अहसास देता है।

इस छोटे से कमरे की दीवारों में बसी है,
एक पूरी दुनिया, एक पूरा जीवन,
जहाँ हर सांस को महसूस करना,
एक नए दिन की शुरुआत से पहले का पल है।

नरम रोशनी वाला यह बेडरूम,
बस एक जगह नहीं, एक अनुभव है,
जहाँ हर विचार आराम से सो जाता है,
और जहां दिल को शांति मिलती है।

यहाँ हर चीज़ सुकून देती है,
कमरे की सादगी में एक गहरी समझ है,
जहाँ हर पल, हर क्षण,
आपका अपना सा होता है।

इसमें बसी हुई है वह शांतिपूर्ण हवा,
जो आपको दुनिया से जोड़ती नहीं,
बल्कि आपको अपने आप से जोड़ती है,
जहाँ आप हर पल को बस जीते हैं।

नरम रोशनी, आरामदायक बिस्तर,
आनंदित विचार और शांत मन,
यह कमरा एक जगह नहीं,
बल्कि एक अद्भुत गंतव्य बन जाता है।

--अतुल परब
--दिनांक-17.12.2024-मंगळवार.
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