"शाम के समय समुद्र तट पर कैम्प फायर"

Started by Atul Kaviraje, December 19, 2024, 08:37:18 PM

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Atul Kaviraje

शुभ संध्या, शुभ गुरुवार मुबारक हो

"शाम के समय समुद्र तट पर कैम्प फायर"

सूरज की किरणें धीरे-धीरे हो जाती हैं कमजोर,
आसमान में बिखरता है सुनहरा और गुलाबी रंग का मखमल,
समुद्र के किनारे लहरों का संगीत गूंजता है,
जहां हर लहर एक कहानी सुनाती है, और हर सागर एक सवाल पूछता है।

शाम के धुंधले साए में, जब हवा हो जाती है ठंडी,
तट पर जल रहा है एक छोटा सा कैम्प फायर, उसकी लपटें
उजागर करती हैं अंधेरे में एक नया उजाला,
और हमें बांध लेती हैं अपनी गर्मी में, जैसे कोई पुराना सा सपना।

आग की छोटी-छोटी लपटें आकाश में उड़ती हैं,
हर चिंगारी, हर झिलमिलाहट, जैसे एक नये जीवन का संकेत हो,
हवाओं के साथ यह आंच धीरे-धीरे बढ़ती जाती है,
समुद्र की लहरों से मिलकर, जैसे प्रकृति का मिलन हो रहा हो।

हम सब बैठे हैं, शांतिपूर्वक, उस आग के आसपास,
कभी हंसी, कभी खामोशी, और कभी जीवन के अनुभवों की बातें,
जैसे रात के इस सन्नाटे में, हर एक शब्द, हर एक विचार
समुद्र की लहरों के साथ गूंजता है, समय के पार।

वह आग, वह तट, वह नीला आकाश, सब कुछ एक सम्मिलन है,
हमारी आत्माओं की नीरव और गहरी सापेक्षता का प्रतीक,
आशाओं और सपनों की लहरें हमारे भीतर उठती हैं,
जैसे आग की लपटों में पुरानी यादें फिर से जलती हैं।

समुद्र की लहरें और कैम्प फायर की आंच दोनों एक-दूसरे से बातें करती हैं,
समुद्र हमें बताता है कि जीवन लगातार चलता रहता है,
तो वहीं कैम्प फायर हमें बताता है कि हर क्षण की एक खासियत है,
कभी तेज़, कभी धीमा, लेकिन हर पल हमारे साथ रहता है।

अंधेरा घिरता है, लेकिन आग की रौशनी में सब कुछ रोशन हो जाता है,
जैसे हर अंधेरे के बाद एक नया उजाला होता है,
हमें सिर्फ एक दिशा की जरूरत होती है, और समय हमें अपना रास्ता दिखा देता है,
समुद्र के किनारे, इस आग के पास, हम हर खोया हुआ पल फिर से पा लेते हैं।

समुद्र और आग, ये दोनों हमें जीवन की सच्चाई सिखाते हैं,
समुद्र की गहराई और आग की गर्मी, दोनों में कुछ तो अदृश्य मेल है,
शाम के इस समय, जब सब कुछ चुप हो जाता है,
तो हम केवल अपनी आत्मा के साथ होते हैं, और हर लहर, हर आंच, हमें शांति देती है।

संध्या की ठंडी हवा में, कैम्प फायर की गर्मी हमें लोरी सुनाती है,
समुद्र की लहरें धीरे-धीरे हमारे दिलों को छूती हैं,
यह समय, यह स्थान, एक अद्भुत सा संयोग है,
जहां हर विचार, हर लहर, और हर चिंगारी एक नई शुरुआत होती है।

शाम के समय, समुद्र तट पर कैम्प फायर,
यह एक ऐसा अनुभव है, जो शब्दों में नहीं बयां हो सकता,
यह वह पल है जब हम अपने आप से जुड़ते हैं,
और समय के हर चक्र को नये दृष्टिकोण से समझते हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-19.12.2024-गुरुवार.
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