"नीले आसमान के साथ खिले हुए सूरजमुखी"

Started by Atul Kaviraje, December 20, 2024, 04:56:24 PM

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Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, शुक्रवार मुबारक हो

"नीले आसमान के साथ खिले हुए सूरजमुखी"

नीले आसमान में बसी एक अनोखी छांव,
सूरजमुखी खिले, जैसे स्वप्नों की एक नयी तान।
सोने जैसी किरणें उनके सिर पर बसीं,
उनकी मुस्कान में सूरज की हर एक सवारी बसी।

हर एक पंखुड़ी जैसे सूरज की ऊष्मा से सजी,
ध्यान से देखें तो लगे यह दुनिया की सदी।
धरा की मिट्टी, आकाश का गहना,
सूरजमुखी में बसी, जीवन की सच्ची रोशनी, सोने की रेखा।

इन फूलों में एक अदृश्य सन्देश छिपा है,
एक जीवन के संघर्ष का, एक असली सपने का इशारा।
वह उठते हैं सूरज की दिशा में,
कभी भी न थमते, बस चलते जाते हैं, हर पल, हर दिशा में।

जब भी हवाएँ उनका हल्का स्पर्श करती हैं,
सूरजमुखी का सिर नयी ऊँचाईयों को छूता है।
उनकी मुस्कान में एक अद्भुत दृढ़ता है,
समय की परीक्षा में हर दिन एक नयी उम्मीद पैदा होती है।

नीला आकाश भी उनके साथ हर्षित हो जाता है,
जैसे क़ुदरत भी इनके साहस से प्रेम करती है।
वे बेमुकाबला खड़े होते हैं, फिर भी सहज,
धरती पर और आकाश में, जैसे एक चमत्कारी विरासत का समर्पण।

सूरजमुखी, ये केवल फूल नहीं, एक शिक्षिका है,
जो हमें सिखाती है कि हमें अपनी दिशा कभी नहीं बदलनी चाहिए।
चाहे रात हो या दिन, हल्की हवा हो या तेज तूफान,
हमें हमेशा अपनी राह पर चलना चाहिए, जैसे सूरजमुखी अपना सिर सूरज की ओर मोड़ता है।

उनकी पंखुड़ियाँ खोलने का समय आया है,
वे हमें दिखाते हैं कि जीवन की असली सुंदरता और स्वतंत्रता क्या है।
सूरजमुखी खिले, अपनी हर एक झलक में अनमोल,
जो हमें दिखाते हैं कि हर सुबह एक नया उजाला ला सकती है।

वे दिखाते हैं कि जीवन का हर पल महत्वपूर्ण है,
कभी भी, किसी भी परिस्थिति में, हमें अपने भीतर का सूरज नहीं खोना चाहिए।
नीले आसमान में सूरजमुखी की ये खूबसूरत बगिया,
हमें यह सिखाती है, "जियो हर दिन जैसे वह तुम्हारा अंतिम दिन हो।"

—नीला आकाश और सूरजमुखी के साथ खिला यह दृश्य, जीवन के संघर्ष और आशा का प्रतीक है, जो हमें हर मोड़ पर प्रेरणा देता है।

--अतुल परब
--दिनांक-20.12.2024-शुक्रवार.
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