"आसमान में रंग-बिरंगे गर्म हवा के गुब्बारे"

Started by Atul Kaviraje, December 22, 2024, 09:16:49 AM

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Atul Kaviraje

सुप्रभात, रविवार मुबारक हो

"आसमान में रंग-बिरंगे गर्म हवा के गुब्बारे"

आसमान की नीली चादर पर रंगों की छटा,
उड़ते हैं गुब्बारे, जैसे हवा में उड़ती है हंसी की लहरें।
लाल, पीले, हरे, नीले, और सुनहरे रंग,
सपनों की तरह आकाश में फैलते हैं, हर रंग की एक अद्भुत तरंग।

गर्म हवा से उड़ते हैं ये गुब्बारे,
मुक्तता की ओर, बिना किसी डर के।
हर गुब्बारा अपने साथ लाता है एक कहानी,
हर रंग में छिपी होती है एक नई दुनिया, एक नई धानी।

ये गुब्बारे किसी चिरपिंग पक्षी से कम नहीं,
आसमान में गुनगुनाते, ऊँचाई पर चढ़ते।
फूलों जैसे रंगों से सजते,
धूप की किरणों में छुपे रंगों को सजेते।

हवा के साथ इनका रुख बदलता है,
कभी दायें, कभी बाएं मोड़ते जाते हैं।
आकाश के कोने में गुम हो जाते हैं,
फिर किसी नये सफर पर निकल पड़ते हैं।

हर एक गुब्बारा, एक सपना सा प्रतीत होता,
नए दिशा में जाने का उसका इरादा साफ होता।
खुले आकाश में, अनन्त दूरियों तक,
सपने और उम्मीदें हवा में लहराते हैं सुखद हरतक।

आसमान में रंग-बिरंगे गर्म हवा के गुब्बारे,
जीवन को उज्जवल बनाते, नये मार्ग पर ले जाते।
हर उड़ान में एक नई शुरुआत होती है,
हर रेंज की अनकही दास्तान होती है।

वे कहानियाँ कहते हैं, वे बातें करते हैं,
आसमान में उड़ते हुए हर ग़म को दूर करते हैं।
कभी उधार लेते हैं, कभी बिखेरते हैं प्यार,
रंग-बिरंगे गुब्बारे बन जाते हैं आकाश के तार।

जब तक उनका सफर जारी रहता है,
उनकी उड़ान में एक सुखद एहसास छिपा रहता है।
इन रंगीन गुब्बारों के साथ उड़ने का सुख,
आकाश के विस्तार में मिलती है जीवन की सही राह।

तो इन्हें देखो, और इनसे कुछ सिखो,
हर दिन का एक नया रंग चुराओ, हर क्षण को सम्हालो।
आसमान में रंग-बिरंगे गुब्बारे हैं,
वे हमें याद दिलाते हैं, कि हम भी किसी सपना जैसे हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-22.12.2024-रविवार.
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