"पेड़ों के बीच से बहती दोपहर की हल्की हवा"

Started by Atul Kaviraje, December 26, 2024, 04:39:57 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, शुभ गुरुवार मुबारक हो

"पेड़ों के बीच से बहती दोपहर की हल्की हवा"

दोपहर की धूप जब होती है तेज, 🌞
पेड़ों के बीच से बहती हल्की हवा, जैसे एक ताजगी का एस्प्रेस। 🌬�
पत्तियाँ हिलती हैं, मन को सुकून मिलता है, 🌿
हर छांव में शांति और विश्राम बसा है। 🍃

सुकून से हवा झूलती जाती है,
हर शाख पर छाया फैलाती जाती है। 🌳
झूलते हुए पत्तों की हल्की सरसराहट,
जीवन को देती है एक अनमोल राहत। 🌸

धूप में उगते पेड़ों के बीच,
हवा में ताजगी और नमी का मिश्रण। 💧
वह हल्की सी ठंडक, नशीली सी ब्रीज़,
मन को कर देती है शांत, जैसे कोई पूजा की लहरें। ✨

फूलों से आती खुशबू, संग हवा के साथ, 🌷
पेड़ों की छांव में मिलता है जीवन का साथ।
हवा का संगीत सुनते हुए,
मन शांत और सुखी हो जाता है। 💖

     यह कविता दोपहर के समय पेड़ों के बीच से बहती हल्की हवा के बारे में है, जो शांति, सुकून और ताजगी का अनुभव देती है। यह हवा हमें जीवन में शांति और खुशहाली का अहसास कराती है। 🌞🍃🌸💖

Symbols and Emojis: 🌞🌬�🍃🌿🌳🌸💧✨🌷💖

--अतुल परब
--दिनांक-26.12.2024-गुरुवार.
===========================================