देवी दुर्गा की 'विजय दशमी' और धार्मिक महत्व-2

Started by Atul Kaviraje, December 27, 2024, 10:44:23 PM

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Atul Kaviraje

देवी दुर्गा की 'विजय दशमी' और धार्मिक महत्व-

4. सामाजिक और पारिवारिक एकता
विजय दशमी न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह सामाजिक और पारिवारिक एकता का भी प्रतीक है। इस दिन लोग अपने परिवार, मित्रों और पड़ोसियों के साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं। पवित्रता, सौहार्द और प्रेम के वातावरण में यह पर्व मनाना समाज के एकजुट होने का संदेश देता है। यह दिन समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है और हर किसी को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है।

उदाहरण: विजय दशमी के दिन रावण दहन की परंपरा भारत के विभिन्न हिस्सों में बड़े धूमधाम से होती है, जिसमें विभिन्न समुदाय मिलकर राक्षसों के प्रतीक पुतलों को जलाते हैं। यह एकता और सामूहिक प्रयास का प्रतीक है।

देवी दुर्गा की पूजा विधि और विशेषता

विजय दशमी के दिन देवी दुर्गा की पूजा विधि अत्यंत विशेष और महत्वपूर्ण होती है। नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी दुर्गा की उपासना होती है, और दसवें दिन (विजय दशमी) उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए विशेष पूजा की जाती है। पूजा में मुख्य रूप से निम्नलिखित विधियाँ शामिल होती हैं:

शुद्धता और पवित्रता: पूजा से पहले घर को साफ किया जाता है, और शुद्धता का ध्यान रखा जाता है।
देवी की मूर्ति का पूजन: देवी दुर्गा की प्रतिमा या चित्र की पूजा विधिपूर्वक की जाती है।
अर्चना और मंत्रोच्चारण: देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप किया जाता है, जैसे "ॐ दुं दुर्गायै नम:", "ॐ श्री दुर्गायै नम:" आदि।
भोग अर्पित करना: देवी को फल, मिठाइयाँ, और अन्य पकवान अर्पित किए जाते हैं।
अग्नि पूजा (रावण दहन): कुछ स्थानों पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं, जो बुराई और पाप का प्रतीक होते हैं। यह दिन बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक होता है।

निष्कर्ष
विजय दशमी, या दशहरा, देवी दुर्गा की विजय का पर्व है, जो हमें यह सिखाता है कि जीवन में हर समस्या का समाधान है और अगर हम सत्य और धर्म के मार्ग पर चलें तो हम सभी प्रकार की विघ्न-बाधाओं से उबर सकते हैं। यह पर्व केवल असुरों के वध की विजय का उत्सव नहीं है, बल्कि यह अच्छाई की बुराई पर और सत्य की झूठ पर विजय का प्रतीक है। देवी दुर्गा की पूजा और विजय दशमी का पर्व भारतीय समाज में एकता, बुराई पर अच्छाई की जीत और जीवन में समृद्धि की प्राप्ति का पर्व है। इस दिन की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि, और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-27.12.2024-शुक्रवार.
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