"नरम तकियों और मंद रोशनी वाला एक आरामदायक बिस्तर"

Started by Atul Kaviraje, December 29, 2024, 12:09:41 AM

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Atul Kaviraje

शुभ रात्रि, शनिवार मुबारक हो

"नरम तकियों और मंद रोशनी वाला एक आरामदायक बिस्तर"

नरम तकियों पर सिर रखा,
शांत रात्रि का आनंद लिया। 🌙
मंद रोशनी में हर चीज़ निखरी,
सपनों में हर इच्छा पुरी। 🛏�

बिस्तर में एक सुखद जगह,
जहां दिल को मिलता है ठहराव। 💖
नर्म चादरें, हल्का सा गंध,
रात में बसा एक मीठा संदेश। 🌜

चाँद की रौशनी बहती है धीमे,
हर पल को लाती है शांति से। 🌕
नजरें बंद होती हैं धीरे-धीरे,
सपने आते हैं स्वप्नों से प्यारे। 💫

हर तकिया है जैसे बादल का प्याला,
सपनों में बहती हर मृदु रचला। ☁️
मंद रोशनी में दिल होता हल्का,
हर चिंता, हर डर हो जाता सुलझा। 🕯�

यह बिस्तर, यह पलंग, एक शरण है,
जहां हर थकान का विश्राम है। 🌿
नरम तकियों और मंद रोशनी में,
एक नई दुनिया की शुरुआत है। ✨

     यह कविता एक आरामदायक बिस्तर की शांति और सुकून को व्यक्त करती है। नरम तकिये, मंद रोशनी और शांत वातावरण के बीच आराम मिलता है। यह स्थान चिंता और थकान को दूर करता है और सपनों को साकार करने की प्रेरणा देता है। बिस्तर को शांति, प्यार और विश्राम की जगह के रूप में दिखाया गया है, जहाँ हम अपने दिनभर के संघर्षों से मुक्ति पाते हैं। 🌙🛏�

--अतुल परब
--दिनांक-28.12.2024-शनिवार.
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