"गर्म रोशनी वाला एक कैफ़े का शांत कोना"

Started by Atul Kaviraje, December 29, 2024, 05:17:02 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, रविवार मुबारक हो

"गर्म रोशनी वाला एक कैफ़े का शांत कोना"

गर्म रोशनी, सुनहरी और प्यारी,
कैफ़े का कोना, जहाँ शांति है सारी। ☕🌟
चाय की खुशबू, हवा में बसी,
हर एक पल में सुकून की रसी। 🍵💭

चमचमाती मेज पर किताब खुली,
हर शब्द से दिल में हलचल चली। 📖✨
कुर्सी पर बैठा, समय को भूल,
सुनता हूँ बस चाय की प्याली का धूल। 🪑🍂

आलसी सूरज, हल्का सा चमकता,
हवा की ताजगी मन को बहलाता। 🌞🍃
लोगों की आवाज़ें दूर कहीं,
यह शांत कोना मेरा अपना ध्रुव तारा। 🌍💖

चाय का कप, हल्का गरम सा,
मुस्कान के साथ समय है रुकता सा। 😊⏳
कभी फिजूल, कभी गहरी बातें,
कैफ़े में बीते पल कुछ खास बातें। 💬🌿

यहां सन्नाटा, पर आनंद की गूंज,
हर पल में बसी सुखद दृष्य की धूंज। 🌸
गर्म रोशनी, मद्धम आवाज़,
कैफ़े का कोना, मन की आवाज़। 🌟💛

     यह कविता एक कैफ़े के शांत कोने में बिताए गए समय की शांति और सुख को व्यक्त करती है। गर्म रोशनी, चाय की खुशबू, किताबों और हल्की हवा का संगम यहाँ मानसिक शांति का प्रतीक बनता है। यह कविता हमें याद दिलाती है कि कभी-कभी हमें अपनी चिंता और भागदौड़ से दूर जाकर बस शांत कोनों में समय बिताना चाहिए, जहाँ हम खुद को पा सकते हैं।

प्रतीक और इमोजी:

☕ - चाय या कॉफी, आराम और सुकून
🌟 - रोशनी, शांति और सुंदरता
🍵 - चाय की प्याली, आराम और ताजगी
📖 - किताब, सोच और चिंतन
✨ - चमक, उत्साह और शांति
🪑 - कुर्सी, विश्राम और आराम
🌞 - सूर्य, हल्की गर्मी और सुख
🍃 - ताजगी और शांति
💬 - बातचीत, विचार और दिमागी शांति
🌿 - निसर्ग और शांति
🌍 - बाहरी दुनिया, व्यस्त जीवन
💛 - प्रेम और सुकून

--अतुल परब
--दिनांक-29.12.2024-रविवार.
===========================================