"शाम के समय तारे और पेड़ों की आकृतियाँ"

Started by Atul Kaviraje, December 30, 2024, 09:49:33 PM

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Atul Kaviraje

शुभ संध्या, सोमवार मुबारक हो

"शाम के समय तारे और पेड़ों की आकृतियाँ"

सूरज की रौशनी धीरे-धीरे खो जाती है,
शाम का समय आते ही हर चीज़ सो जाती है। 🌅🌑
आसमान में तारे चमकते हैं दूर से,
पेड़ों की छायाएँ बनाती हैं आकृतियाँ सुंदर और प्यारी। 🌠🌳

झूलते हुए पेड़, हवा में झूमते,
चाँद की रौशनी में शांति से खड़े होते। 🌙🍃
सारी दुनिया में एक ठहराव सा छा जाता है,
शाम के समय तारे और पेड़ों की आकृतियाँ छवि में समा जाती हैं। ✨🌾

पेड़ों की लंबी छायाएँ बढ़ने लगती हैं,
तारे अपनी चमक से आकाश को सजाने लगते हैं। 🌟🌲
कुछ पल ठहरे रहते हैं, समय का खेल चलता है,
शाम के इस पल में सब कुछ निश्चल सा लगता है। 🌌💫

हवा के साथ झूमते हुए, पेड़ जैसे गीत गाते,
चाँद और तारे आकाश में मुस्कान फैलाते। 🍃🎶
यह दृश्य सुंदर और शांतिपूर्ण लगता है,
शाम के समय तारे और पेड़ों की आकृतियाँ एक साथ मिलती हैं। 🌙🌳

हम भी उन्हीं पेड़ों की तरह खड़े रहकर,
इस शांति को महसूस करते हैं, छाया में बसी रहकर। 💭🌳
संध्या का यह समय हमें बहुत कुछ सिखाता है,
तारे और पेड़ दिखाते हैं, कैसे हर पल को जीना चाहिए। ✨🌲

     यह कविता शाम के समय के सुंदर दृश्य का वर्णन करती है, जब तारे आकाश में चमकते हैं और पेड़ों की आकृतियाँ उनके नीचे बनती हैं। यह समय शांति और ठहराव से भरा होता है, और कविता में इसे ध्यानपूर्वक महसूस किया जाता है। तारे, पेड़, चाँद और हवा सब मिलकर एक अद्भुत दृश्य रचते हैं जो हमें जीवन के सरल आनंद को समझने का संदेश देते हैं।

प्रतीक और इमोजी:

🌅 - सूर्यास्त, शांति का समय
🌑 - रात, अंधकार
🌠 - तारे, चमक
🌳 - पेड़, निसर्ग
🌙 - चाँद, शांति
🍃 - हवा, प्राकृतिक सुंदरता
✨ - चमक, अद्भुत दृश्य
🌾 - शांतिपूर्ण वातावरण
🌌 - आकाश, विस्तार
💫 - जादू, सुंदरता
🎶 - संगीत, प्रकृति

--अतुल परब
--दिनांक-30.12.2024-सोमवार.
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