"गोधूलि के समय नावों के साथ एक शांत बंदरगाह"

Started by Atul Kaviraje, December 31, 2024, 11:04:55 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

शुभ संध्या, मंगलवार मुबारक हो

"गोधूलि के समय नावों के साथ एक शांत बंदरगाह"

गोधूलि के समय, जब सूरज खो जाता है,
आकाश में रंग बिखरते, हर जगह शांति छा जाता है। 🌅🌠
नावें शांतिपूर्वक, लहरों में डूबती हैं,
बंदरगाह की चुप्पी में हर खुशी रुकती है। 🚤🌊

नर्म हवा बहती, सुनसान गलियों में,
शांति की लहरें गातीं हैं आसमान में। 🍃💨
नावों की परछाइयाँ पानी में नाचती हैं,
और चाँद की रौशनी में एक नई राह दिखती हैं। 🌙🚢

पानी की सतह पर तारे चमकते जाते,
मौन में छुपे हर विचार जागते जाते। ✨🌌
गोधूलि की बेला, मन को बहलाए,
यह शांत बंदरगाह सबकुछ समेटे जाए। 🌷💫

नावों के साथ हर लहर एक कहानी कहे,
अतीत और वर्तमान का संगम हो। ⚓📖
गोधूलि के समय में, शांत बंदरगाह में,
हर नाव अपने रास्ते पर चलने को तैयार हो। 🛶🌅

यह दृश्य कितना प्यारा, कितना गहरा है,
सभी चिंताएँ और आक्रोश चुप हो जाते हैं। 💭💖
गोधूलि के समय, नावों के साथ शांत बंदरगाह,
जीवन के सरल सुख का एहसास कराता है। 🌾🌠

     यह कविता गोधूलि के समय एक शांत बंदरगाह पर बोटों के दृश्य का चित्रण करती है। जब सूरज अस्त होता है, तो आकाश में रंग बिखरते हैं और नावें धीरे-धीरे पानी में डूबती हैं, यह एक शांति और एकांत का वातावरण बनाता है। बंदरगाह की शांति और नावों की गति, जीवन की सरलता और सुख का प्रतीक बनते हैं। यह कविता प्रकृति की शांति और जीवन के आशावादी दृष्टिकोण को व्यक्त करती है।

प्रतीक और इमोजी:

🌅 - सूर्योदय या सूर्यास्त, शांति का समय
🌠 - तारे, आकाश का सौंदर्य
🚤 - नाव, यात्रा की प्रतीक
🌊 - पानी, लहरों की गति
🍃 - हवा, प्रकृति की शांति
🌙 - चाँद, रात का शांति
✨ - चमक, स्वप्न
⚓ - नाव का एंकर, स्थिरता
🌷 - फूल, जीवन की सरलता
💭 - विचार, चिंतन
💖 - हृदय, शांति
🌾 - निसर्ग, स्वाभाविक शांति

--अतुल परब
--दिनांक-31.12.2024-मंगळवार.
===========================================