टेलीविजन और समाज पर इसका प्रभाव-

Started by Atul Kaviraje, January 01, 2025, 12:08:22 AM

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Atul Kaviraje

टेलीविजन और समाज पर इसका प्रभाव-

परिचय:

टेलीविजन, एक ऐसा माध्यम है जो सूचना, शिक्षा और मनोरंजन का प्रभावी साधन बन चुका है। शुरूआत में यह केवल एक उपकरण था, जो परिवारों को एकत्र करता था, लेकिन समय के साथ-साथ इसने समाज पर गहरे और दूरगामी प्रभाव डाले हैं। भारत में टेलीविजन का आगमन 1959 में हुआ था और इसके बाद यह समाज के एक महत्वपूर्ण अंग के रूप में विकसित हुआ। आज टेलीविजन न केवल मनोरंजन का साधन बन चुका है, बल्कि यह शिक्षा, जागरूकता और सामाजिक विचारधारा के प्रसार का भी एक प्रमुख माध्यम है। इस लेख में हम टेलीविजन के समाज पर प्रभाव, इसके फायदे और नुकसान, तथा इसके प्रभाव से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर चर्चा करेंगे।

टेलीविजन का समाज पर सकारात्मक प्रभाव:

शिक्षा और जागरूकता: टेलीविजन ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। शैक्षिक कार्यक्रम, जैसे कि "नौबत सिखाओ", "दीक्षा", "सपने और हकीकत" आदि, बच्चों और युवाओं के लिए ज्ञानवर्धन का एक बेहतरीन स्रोत रहे हैं। इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रम जैसे "स्वास्थ्य मंत्र" और "नमामि गंगे" जैसे जागरूकता अभियान लोगों में स्वास्थ्य, स्वच्छता, और पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने में सहायक रहे हैं।

उदाहरण: "राइट टू एजुकेशन" (RTE) और "आधार कार्ड" जैसी योजनाओं की जानकारी टेलीविजन के माध्यम से व्यापक रूप से फैलाई गई है, जिससे लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद मिली है।

मनोरंजन: टेलीविजन ने समाज को मनोरंजन के बहुत से रूप दिए हैं। भारतीय टेलीविजन के प्रमुख शो जैसे "रामायण", "महाभारत", "तारक मेहता का उल्टा चश्मा", और अन्य डेली सोप्स ने घरों में बैठकर परिवारों को एकजुट किया। ये कार्यक्रम केवल मनोरंजन ही नहीं करते बल्कि समाज में नैतिक मूल्यों, परिवारिक रिश्तों और परंपराओं को प्रोत्साहित करते हैं।

उदाहरण: "रामायण" और "महाभारत" जैसे ऐतिहासिक धारावाहिकों ने भारतीय संस्कृति और इतिहास को प्रचलित किया, जिससे लोगों को अपने पुरखों के योगदान के बारे में जानकारी मिली।

सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता: टेलीविजन ने समाज में विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने का मंच प्रदान किया है। मीडिया के इस रूप ने सरकार, नेताओं और समाज के बीच संवाद को आसान बनाया है। राजनीति, कानून, और समाज के विभिन्न पहलुओं पर बहस और चर्चा के कार्यक्रम लोगों को सामाजिक न्याय, अधिकार, और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करते हैं।

उदाहरण: "मन की बात" जैसे कार्यक्रम ने पं. नरेंद्र मोदी के माध्यम से राष्ट्र के प्रति जागरूकता और समाज के मुद्दों पर विचार साझा करने का अवसर प्रदान किया।

टेलीविजन का समाज पर नकारात्मक प्रभाव:

वर्तमान पीढ़ी की सोच में बदलाव: टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले कई कार्यक्रम बच्चों और युवाओं पर गहरा प्रभाव डालते हैं। ऐसे कार्यक्रम जो हिंसा, अपराध और नकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं, वे समाज में गलत संदेश भेजते हैं। कई बार टेलीविजन पर दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों से युवाओं में नकारात्मक प्रवृत्तियाँ विकसित होती हैं, जैसे कि असहमति, क्रोध, और आत्मविश्वास की कमी।

उदाहरण: कई क्राइम शो और रियलिटी टीवी कार्यक्रम जैसे "बिग बॉस" या "राखी का इन्फ्लुएंस" ने समाज में सनसनीखेज मानसिकता को जन्म दिया है। इसके कारण युवा पीढ़ी में हिंसा, विवाद और समाज के प्रति असंवेदनशीलता का प्रचार हो सकता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-31.12.2024-मंगळवार.
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