जागतिक ब्रेल दिवस- (Global Braille Day)-

Started by Atul Kaviraje, January 04, 2025, 10:02:20 PM

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Atul Kaviraje

जागतिक ब्रेल दिवस-
(Global Braille Day)-

कविता:-

आंखों से न सही, फिर भी रास्ता मिला,
ब्रेल ने दिल से देखा, वो सपनों का मिला। ✨
हाथों से छूकर, शब्दों का जादू पाया,
दृष्टिहीनों ने भी ज्ञान का सूरज पाया। 🌞

कागज पर उभरे अंकों की गाथा,
जो देख न पाते, वो पाते हैं राहत।
ब्रेल के अक्षर, तीर की तरह तेज,
आशा की किरण, जो छूने से न भागे। 🔠

जो कभी अंधेरे में खोते थे,
अब उजाले में हर कदम जो बढ़ते थे। 🌹
अब न कोई रुकावट, न कोई बाधा,
ब्रेल ने दिया जीवन को नयी दिशा। 🔑

इस दिन हम याद करें उनकी मेहनत को,
जिन्होंने ब्रेल को दिया समाज को।
हर ऊंचाई को, हर सपने को छुआ,
ब्रेल से जिनका जीवन निखरा। 🌟

संपूर्ण अर्थ:-

यह कविता जागतिक ब्रेल दिवस के महत्व को प्रदर्शित करती है। ब्रेल एक प्रणाली है, जो दृष्टिहीन व्यक्तियों को पढ़ने और लिखने की सुविधा देती है। कविता यह बताती है कि ब्रेल ने कैसे दृष्टिहीनों के जीवन में उजाला भर दिया है, उनके ज्ञान के दरवाजे खोले हैं और उन्हें समाज में सशक्त बनाया है।

सिंबोल्स / इमोजी:
📖 (पुस्तक), ✨ (प्रकाश), 🌞 (सूरज), 🔠 (ब्रेल अक्षर), 🌹 (आशा), 🔑 (नई दिशा), 🌟 (सपने)

--अतुल परब
--दिनांक-04.01.2025-शनिवार.
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