"सूरज की रोशनी के साथ ताज़ा बना बिस्तर 🌞🛏️"

Started by Atul Kaviraje, January 06, 2025, 09:06:49 AM

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Atul Kaviraje

सुप्रभात, सोमवार मुबारक हो

"सूरज की रोशनी के साथ ताज़ा बना बिस्तर 🌞🛏�"

सूरज की किरणें आईं, बिस्तर पर छाईं,
नवीन दिन का स्वागत, अब नींद को अलविदा कहें।
चमकते हुए पलंग में छुपी सौम्यता,
नई सुबह की छांव में, एक मीठी राहत है। 🌅✨

धूप से सजी, शांति में बसा,
बिस्तर भी जैसे सूरज से रौशन हुआ।
नई उम्मीदें आईं, दिन की शुरुआत,
सपने जागे, और दिल में नई बात। 💭🌼

     यह कविता सुबह की ताजगी और सूर्य की रोशनी में जागने के सुख को दर्शाती है, जहां हर नया दिन एक नई उम्मीद और शांति लेकर आता है।

--अतुल परब
--दिनांक-06.01.2025-सोमवार.
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