"भोर में एक शांत नाव की सवारी 🚣‍♂️🌅"

Started by Atul Kaviraje, January 10, 2025, 09:11:20 AM

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Atul Kaviraje

सुप्रभात, शुक्रवार मुबारक हो

"भोर में एक शांत नाव की सवारी 🚣�♂️🌅"

भोर के समय, नाव में बसा सुख,
शांत पानी में डूबे, बादल भी जैसे विश्राम में हों।
नम हवा से सजी, झील की गहराई,
प्राकृतिक प्रेम में डूबो, यह हर पल की सवारी। 🌊💨

नाव की हल्की आवाज, शांतिपूर्ण संगीत,
पानी पर बसी स्वच्छता, जैसे भगवान का गीत।
नवीन सुबह का स्वागत करते हुए,
हर लहर में सुकून है, जीवन की मिठास। 💖🕊�

     यह कविता भोर के समय नाव की शांत सवारी के अनुभव को दर्शाती है, जहां पानी, हवा और प्राकृतिक सौंदर्य में डूबकर एक शांतिपूर्ण शुरुआत होती है।

--अतुल परब
--दिनांक-10.01.2025-शुक्रवार.
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