"एक धूप भरी दोपहर में नींबू पानी स्टैंड"

Started by Atul Kaviraje, January 10, 2025, 08:33:33 PM

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Atul Kaviraje

 शुभ दोपहर, शुक्रवार मुबारक हो

"एक धूप भरी दोपहर में नींबू पानी स्टैंड"

सूरज की तपिश, और नींबू पानी का प्याला,
गरमी में ताजगी, एक छांव का जाला। 🍋🍹
प्याले में बर्फ, नींबू की चुस्की,
दोपहर का विश्राम, जैसे कोई नयी दस्तूरी। ❄️🍋

प्यास बुझाने का तरीका, सबसे बढ़िया,
लंबे समय तक तरोताजा करता है यह नींबू पानी। 🌞💧
नींबू का स्वाद, मीठा और खट्टा,
दोपहर की धूप में यह पेय है सबका सच्चा। 🍹✨

सिर चकराता था, पर अब है ताजगी,
नींबू पानी से आई है सुकून की राहत। 🍋🌻
इस ताजगी से छू जाता है दिल,
दोपहर की धूप में नींबू पानी की खिला रही है जिज्ञासा। 🌞🥤

     यह कविता नींबू पानी के स्टैंड का चित्रण करती है, जहां ताजगी और राहत से दोपहर की धूप में एक सुकून मिलता है। यह गर्मी से राहत और ताजगी का एहसास दिलाती है।

--अतुल परब
--दिनांक-10.01.2025-शुक्रवार.
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