"एक सुंदर पुल के किनारे शाम की सैर 🚶‍♂️🌉"

Started by Atul Kaviraje, January 14, 2025, 09:40:24 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

शुभ संध्या, मंगलवार मुबारक हो

"एक सुंदर पुल के किनारे शाम की सैर 🚶�♂️🌉"

एक पुल के किनारे पर शाम का रंग,
हवा में खुशबू, चुपचाप सब कुछ संग।
पानी में बिखरी लाइट की झलक,
शांत सैर, जहां समय थम जाता है, एक पल। 🌅

Meaning:
A beautiful evening stroll by a scenic bridge, where the peaceful surroundings and reflections in the water create a timeless moment.

"एक सुंदर पुल के किनारे शाम की सैर 🚶�♂️🌉"

सूरज ढलने को है, और शाम ने रंग लिए,
पुल के किनारे कदम, चुपके से बढ़े,
आसमान में नारंगी और गुलाबी रौशनी बसी,
नदी की लहरें गुनगुनाते हुए निकलीं रहीं। 🌅💫

पुल के ऊपर, ठंडी हवा ने छुआ,
साथ चलने का मन किया, पर अकेले ही सब कुछ देखूं।
पानी में इंद्रधनुषी रंग बिखरते गए,
हर कदम पर रुककर, मैं खुद को ही खोजता गया। 🌊✨

नदी के किनारे पर बैठ, सोचने का वक्त मिला,
आस-पास के पेड़, हवा से सरसराए,
गुलाबी आकाश में वो झरने की आवाज,
हर चीज़ ने बताया, जिंदगी का हर पल खास। 🌲💭

पुल के नीचे से बहती नदी, जीवन की राह सी,
जो कभी रुकती नहीं, कभी खत्म नहीं होती,
सपने बहते हैं उसी धारा में जैसे,
और हर चुनौती हमें और मजबूत बनाती है वैसे। 🚶�♂️🌉

शाम की सैर में यह पुल एक सखा बना,
हर लम्हा दिल में अजीब सा प्यार जगा,
हम सबकी यात्रा है कुछ इसी तरह,
कभी अकेले, कभी साथ, लेकिन हमेशा आगे बढ़ते रहना। 🌅💖

कविता का अर्थ: यह कविता एक सुंदर पुल के किनारे शाम की सैर के दौरान मिलने वाली शांति और आत्म-संवाद को दर्शाती है। पुल और नदी की मिसाल के जरिए यह कविता जीवन की यात्रा को भी संबोधित करती है, जिसमें कभी एकाकीपन और कभी साथ होने की स्थिति होती है, लेकिन हर अवस्था में हमें आगे बढ़ते रहना होता है। यह हमें शांति, विचार और सुकून का एहसास कराती है, जो हर शाम हमें अपने भीतर अनुभव होता है।

🚶�♂️🌉💭

--अतुल परब
--दिनांक-14.01.2025-मंगळवार.
===========================================