"नज़ारे के साथ बालकनी पर दोपहर की कॉफ़ी ☕🌇"

Started by Atul Kaviraje, January 15, 2025, 08:34:41 PM

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Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, बुधवार मुबारक हो

"नज़ारे के साथ बालकनी पर दोपहर की कॉफ़ी ☕🌇"

बालकनी से नज़ारा, सामने उगते सूरज का,
कॉफ़ी के कप में, ताजगी का अहसास होता।
दोपहर की शांति, हवा का हल्का स्पर्श,
मन की सोच, गहरे विचारों में ताजगी का परिप्रेश। 🌞🍵

अर्थ:
यह कविता एक आनंदित और शांत दोपहर के दृश्य को व्यक्त करती है, जब बालकनी में बैठकर कॉफ़ी के साथ वातावरण का आनंद लिया जाता है।

"नज़ारे के साथ बालकनी पर दोपहर की कॉफ़ी ☕🌇"

बालकनी में बैठ, दोपहर की धूप,
हाथ में कॉफ़ी, दिल में उमंगों का रूप।
सूरज की किरणें, धीरे-धीरे झिलमिलातीं,
हर एक पल में खुशियाँ समातीं। 🌞☕

दूर से दिखते शहर के नज़ारे,
सड़कें, इमारतें, और हवा के सहारे।
हवाओं में मस्ती, और धड़कनों में गीत,
सामने फैला है जीवन का अद्भुत दृश्य। 🏙�💖

कॉफ़ी की चुस्की, सुकून से भरी,
हाथों में गर्माहट, दिल में सवारी।
नीचे से गुजरती गाड़ियाँ, रुकती नहीं,
जैसे समय खुद भी दौड़ता चला जाए। 🚗☕

बालकनी से देखें तो, सब कुछ सरल लगे,
हवाओं के झोंके जैसे लहराते जाएं।
हर एक चीज़ में, एक खासियत छुपी,
दोपहर की कॉफ़ी से सब कुछ रंगीन हो जाए। 🌇✨

घंटों बित जाएं, बिना किसी चिंता के,
संग साथ नज़ारे, और कॉफ़ी के कप में।
वो लम्हें हैं, जो होते हैं खास,
हर दिन की शुरुआत, यही है सच्चा ख़्वाब। ☕💫

संक्षिप्त अर्थ:
यह कविता बालकनी में बैठकर दोपहर की कॉफ़ी का आनंद लेने के दृश्य को पेश करती है। कविता में नज़ारों के साथ मिलने वाला सुकून और हर चुस्की में बसी शांति को दर्शाया गया है। यह कविता हमें बताती है कि जीवन की साधारण खुशियाँ कितनी अनमोल होती हैं और हमें उन्हें हर दिन महसूस करना चाहिए।

चित्र और प्रतीक (Emojis):

☕ कॉफ़ी - आराम और शांति
🌇 शहर का नज़ारा - जीवन की धारा और गति
🏙� शहर और इमारतें - विकास और रोज़मर्रा की जिंदगी
✨ चमक - खुशियाँ और सकारात्मकता
🚗 गाड़ियाँ - समय की गति और भागदौड़
💖 दिल - प्रेम और सुकून

     यह कविता हमें याद दिलाती है कि जीवन में छोटे-छोटे पल, जैसे बालकनी में बैठकर कॉफ़ी पीना, हमारी सबसे बड़ी खुशियाँ हो सकती हैं। ☕🌇

--अतुल परब
--दिनांक-15.01.2025-बुधवार.
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