भारतीय संस्कृति और उसकी विशेषताएँ-1

Started by Atul Kaviraje, January 18, 2025, 06:31:13 PM

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Atul Kaviraje

भारतीय संस्कृति और उसकी विशेषताएँ-

भारतीय संस्कृति एक प्राचीन, समृद्ध, और बहुआयामी संस्कृति है, जो हजारों वर्षों से हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा रही है। यह न केवल धर्म, परंपरा, और रीति-रिवाजों में बसी हुई है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न पहलुओं को एकजुट करने वाली एक पवित्र धारा भी है। भारतीय संस्कृति की विशेषता उसकी विविधता में एकता है। यहां विभिन्न धर्मों, जातियों, भाषाओं और संस्कृतियों का संगम हुआ है। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति को विश्व में अद्वितीय माना जाता है।

भारतीय संस्कृति का प्रभाव आज भी हमारे जीवन में दिखाई देता है, चाहे वह धार्मिक आस्थाएँ हों, कला, संगीत, नृत्य, साहित्य या नैतिक मूल्य। भारतीय संस्कृति की कई विशेषताएँ हैं, जो इसे विशेष और प्रभावी बनाती हैं।

भारतीय संस्कृति की विशेषताएँ-

धार्मिक विविधता और सहिष्णुता:
भारत में अनेक धर्मों का आदान-प्रदान हुआ है। हिन्दू धर्म, इस्लाम, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म, ईसाई धर्म और यहूदी धर्म यहाँ के प्रमुख धर्म हैं। इन धर्मों में भिन्नताएँ हो सकती हैं, लेकिन भारतीय संस्कृति में सभी धर्मों का आदर और सहिष्णुता प्रगति की ओर अग्रसर होती है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है "सार्वधर्म समभाव" का सिद्धांत, जो भारतीय समाज की एकता का प्रतीक है।

कुटुंब और पारिवारिक संरचना:
भारतीय संस्कृति में कुटुंब का महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ परंपरागत रूप से परिवार में नाना-नानी, दादी-दादा, माता-पिता, भाई-बहन सभी एक साथ रहते हैं। परिवार की एकता और सामूहिकता जीवन का अभिन्न हिस्सा मानी जाती है। यह एक सामूहिक बंधन की भावना पैदा करता है, जहां एक दूसरे के साथ सहयोग, समर्थन और प्यार होता है।

आध्यात्मिकता और योग:
भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पहलू आध्यात्मिकता है। यहां के लोग जीवन के उद्देश्य को सिर्फ भौतिक सुख-सुविधाओं में नहीं, बल्कि आत्मा की शांति और संतुलन में मानते हैं। योग और ध्यान भारतीय संस्कृति के प्रमुख तत्व हैं, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। भगवद गीता में भगवान श्री कृष्ण ने "योग" को जीवन की एक उच्चतम अवस्था के रूप में प्रस्तुत किया है।

आदर्श और नैतिक मूल्य:
भारतीय संस्कृति में नैतिकता और आदर्शों का बहुत बड़ा स्थान है। सत्य, अहिंसा, परोपकार, दया, और शील जैसे मूल्यों का पालन करना भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। महात्मा गांधी ने इन आदर्शों का पालन करके भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक नैतिक रास्ता अपनाया, जो भारतीय संस्कृति की गहरी छाप छोड़ता है।

संपत्ति और प्रकृति के साथ सामंजस्य:
भारतीय संस्कृति में प्रकृति और पर्यावरण के साथ गहरे संबंध को देखा गया है। प्राचीन भारतीय साहित्य में यह विश्वास है कि प्रकृति में देवी-देवताओं का वास है। पूजा-पाठ, तंत्र-मंत्र, और ध्यान के माध्यम से प्रकृति के प्रति श्रद्धा और आदर व्यक्त किया जाता है। वसुंधरा (धरती) को माता का दर्जा दिया जाता है, और इससे जुड़ी संस्कृतियाँ समाज में परस्पर सहयोग की भावना बढ़ाती हैं।

साहित्य और कला:
भारतीय संस्कृति का एक और महत्वपूर्ण पक्ष है उसका साहित्य और कला। संस्कृत, हिंदी, बांग्ला, तमिल, मराठी, पंजाबी जैसे विभिन्न भाषाओं में साहित्य रचनाएँ मौजूद हैं। भारतीय साहित्य में रामायण, महाभारत, गीता, वेद, और उपनिषद जैसे ग्रंथों का अपार योगदान है। नृत्य, संगीत, चित्रकला और वास्तुकला में भी भारतीय संस्कृति का अत्यधिक योगदान है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य जैसे भरतनाट्यम, कथक, ओडीसी, और संगीत ने विश्वभर में अपनी पहचान बनाई है।

सामाजिक समरसता और परंपरा:
भारतीय संस्कृति में परंपराओं का बड़ा स्थान है। प्रत्येक परिवार और समाज में विभिन्न त्योहारों और रिवाजों का पालन किया जाता है, जो सामाजिक समरसता का प्रतीक होते हैं। दिवाली, होली, ईद, नवरात्रि, विजयादशमी, आदि त्योहारों में भारतीय समाज एक साथ एकत्रित होकर खुशियाँ मनाता है। यह परंपराएँ एकता, भाईचारे और सांस्कृतिक धरोहर को कायम रखने में मदद करती हैं।

भारतीय संस्कृति पर लघु कविता
भारत की संस्कृति, अनमोल रत्न है,
सभी धर्मों का मेल, दिल से अपन है।
कुटुंब में बसा है प्रेम का संग,
समाज में समरसता, यही है धर्म का रंग। ✨

आध्यात्मिकता की राह में, ध्यान और योग है,
सच्चाई और दया, जीवन की धारा है।
प्रकृति का सम्मान, हमारी संस्कृति का आदर्श,
विश्व को समझाना, यही है हमारा सर्वश्रेष्ठ। 🌍💖

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-17.01.2025-शुक्रवार.
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