पुराणों में देवी लक्ष्मी का स्थान-2

Started by Atul Kaviraje, January 18, 2025, 06:50:26 PM

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Atul Kaviraje

पुराणों में देवी लक्ष्मी का स्थान (The Role of Goddess Lakshmi in Mythological Stories)-

उदाहरण - देवी लक्ष्मी की महिमा

रामायण में देवी लक्ष्मी की उपासना: रामायण में देवी लक्ष्मी का विशेष स्थान है, जहाँ भगवान राम ने माता लक्ष्मी को अपने साथ लिया था और उनकी उपासना की। भगवान राम के जीवन में लक्ष्मी का आशीर्वाद उन्हें शांति और सुख देने वाला था। इसी प्रकार, रामायण में देवी लक्ष्मी का उल्लेख होता है कि उनकी उपासना से समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है।

भगवान कृष्ण और देवी लक्ष्मी: श्री कृष्ण के जीवन में भी देवी लक्ष्मी का महत्वपूर्ण स्थान है। श्री कृष्ण की पूजा में देवी लक्ष्मी का पूजन किया जाता है, जिससे भक्तों को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि प्राप्त होती है।

लघु कविता-

लक्ष्मी माता की कृपा से बढ़े जीवन रेखा,
धन, ऐश्वर्य, सुख में छाई हो महक।
हर कदम पर बसी हो समृद्धि की राह,
सिद्धि की ओर ले जाए लक्ष्मी की चाह।

सर्व सुखों की हो बसी घर आंगन में,
लक्ष्मी की कृपा से छाए सुख के पल।
भाग्य, समृद्धि, और खुशहाली की हो बारी,
लक्ष्मी माता के आशीर्वाद से हो सारी।

अर्थ:
यह कविता देवी लक्ष्मी की कृपा के प्रभाव का वर्णन करती है, जो जीवन में धन, समृद्धि और शांति लाती है। कविता में लक्ष्मी माता के आशीर्वाद से जीवन में खुशहाली और सुख की प्राप्ति को व्यक्त किया गया है।

निष्कर्ष
पुराणों में देवी लक्ष्मी का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण और सम्मानजनक है। वह न केवल धन और समृद्धि की देवी हैं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में उनकी उपासना से आध्यात्मिक समृद्धि, मानसिक शांति और शारीरिक सुख प्राप्त होता है। देवी लक्ष्मी की पूजा से न केवल भौतिक समृद्धि, बल्कि जीवन में संतुलन और स्थिरता भी मिलती है। उनका स्थान पुराणों में एक प्रेरणा स्रोत के रूप में है, जो भक्तों को जीवन में हर तरह की समृद्धि प्राप्त करने की प्रेरणा देता है।

देवी लक्ष्मी की उपासना से न केवल संसारिक सुख की प्राप्ति होती है, बल्कि वह भक्तों को आत्मिक संतुष्टि और सुख भी प्रदान करती हैं।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-17.01.2025-शुक्रवार.
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