"एक शांत गांव के ऊपर सुनहरे घंटे की रोशनी 🌅🏡"-1

Started by Atul Kaviraje, January 20, 2025, 04:15:12 PM

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Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, सोमवार मुबारक हो

"एक शांत गांव के ऊपर सुनहरे घंटे की रोशनी 🌅🏡"

गोल्डन घंटे की रौशनी में बसा गांव,
सुनहरी रौशनी में हर घर, शांत और आरामदायक।
गांव की गलियाँ, सूरज की किरणों से रंगी,
सपनों की तरह, यह दृश्य है नयनाभिराम। 🏠🌇

अर्थ:
यह कविता एक शांत गांव में सुनहरे घंटे की रौशनी के प्रभाव को व्यक्त करती है, जो एक सौम्य और संतुष्टि देने वाला दृश्य है।

"एक शांत गांव के ऊपर सुनहरे घंटे की रोशनी 🌅🏡"

सुनहरी धूप में बसा एक शांत गांव,
हर घर में बसी है सुकून की बगिया।
सूरज की किरणें जब धीरे से मुस्काईं,
गांव की गलियों में फैल गईं ख़ुशियाँ। 🌞💛

सुनहरे घंटे की रोशनी बसी हो जैसे,
हर घर के छत पर, एक नई उम्मीद जागे।
गांव के खेतों में लहराती हरी-हरी फसलें,
मानो धरती भी नाच रही हो, खिल रही हो माली। 🌾🌸

गांव में बसी है एक नयी सुबह की रौशनी,
जो हर दिल को देती है प्यार और ताजगी।
चिड़ियों की चहचहाहट, और हवा की ठंडक,
हर दिल में बसी होती है एक मीठी सी धड़कन। 🐦🍃

गांव की गलियों में बसी है शांति का गीत,
हर कदम पर महसूस होती है आशीर्वाद की रीत।
सुनहरे घंटे की यह खूबसूरत ताजगी,
गांव के हर दिल में बसी है उम्मीद की लहरें। 🌅❤️

चाँद और तारे भी जैसे डूब जाएं इस चाँदनी में,
गांव में हर पल बसा हो एक नया ख्वाब।
गांव की छांव में समय रुक सा जाता है,
यह शांतिपूर्ण गांव, सुख और समृद्धि का राब। 🌙💖

संक्षिप्त अर्थ:
यह कविता एक शांत और सुनहरे गाँव की सुंदरता का चित्रण करती है, जहाँ सूरज की रोशनी, खेतों की हरियाली और चिड़ियों की चहचहाहट के बीच शांति और उम्मीद का वातावरण बसा है। कविता यह दिखाती है कि कैसे एक गांव अपनी प्राकृतिक सुंदरता में हर दिल को सुकून और ताजगी देता है। यह शांतिपूर्ण जीवन और प्रकृति के साथ संतुलन का प्रतीक है।

चित्र और प्रतीक (Emojis):

🌅 सूरज की रोशनी - आशा और नयापन
🏡 गांव - शांति और घरेलू जीवन
🌾 हरे-भरे खेत - समृद्धि और प्रकृति
❤️ प्यार और शांति - दिल की शांति और आनंद
🐦 चिड़ियाँ - प्राकृतिक आवाज़ और जीवन
🍃 ठंडी हवा - ताजगी और आराम
🌙 चाँद और तारे - रात की सुंदरता और शांति

     यह कविता हमें यह एहसास कराती है कि जीवन की असली खुशी और शांति किसी बड़ी जगह में नहीं, बल्कि छोटे-छोटे प्यारे क्षणों में बसी होती है, जैसे कि एक शांत गाँव की सुनहरी सुबह। 🌅🏡

--अतुल परब
--दिनांक-20.01.2025-सोमवार. 
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