"दोपहर के आसमान में रंग-बिरंगे हॉट एयर बैलून"-2

Started by Atul Kaviraje, January 22, 2025, 04:51:55 PM

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Atul Kaviraje

 शुभ दोपहर, बुधवार मुबारक हो

"दोपहर के आसमान में रंग-बिरंगे हॉट एयर बैलून"

दोपहर के आसमान में, इतना विशाल और चमकीला,
रंग-बिरंगे गुब्बारे अपनी उड़ान भरते हैं।
कोमल हवा में रंगों का विस्फोट,
वे बिना किसी चिंता के सपनों की तरह तैरते हैं। 🎈

लाल, पीला, नीला और हरा,
एक ऐसा नजारा जो इससे ज़्यादा खूबसूरत है, बहुत कम लोगों ने देखा है।
वे हवा के साथ उठते हैं, बहुत ऊँचे,
बादलों को छूते हुए, आसमान को चूमते हुए। ☁️✨

हर गुब्बारा अनगिनत उम्मीदें लेकर चलता है,
जैसे वे गर्मी में बहते हैं, वैसे ही बोल्ड होते हैं।
ऊपर, दुनिया छोटी लगती है,
फिर भी वे इसे गले लगाते हैं, ऊँचे खड़े होते हैं। 🌍🦋

सूरज एक सुनहरी चमक के साथ चमकता है,
जैसे गुब्बारे नरम और धीमे बहते हैं।
नीचे ज़मीन पर उनकी परछाइयाँ नाचती हैं,
क्षणभंगुर क्षणों की तरह, वे आते हैं और चले जाते हैं। ⏳

जब वे अंतहीन नीले रंग में उड़ते हैं,
स्वतंत्रता का प्रतीक, शुद्ध और सच्चा।
एक सौम्य अनुस्मारक, कि जीवन उड़ सकता है,
पहुँचने के साहस के साथ, और सपनों को आजमाने के साथ। 🌞🚀

अर्थ:
यह कविता दोपहर के आसमान में उड़ते रंगीन गर्म हवा के गुब्बारों की स्वतंत्रता और सुंदरता का जश्न मनाती है। यह आशा, सपनों और स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है जो जीवन की यात्रा को अपनाने से आती है।

प्रतीक और इमोजी: 🎈☁️✨🌍🦋⏳🌞🚀

--अतुल परब
--दिनांक-22.01.2025-बुधवार.
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