"डिनर टेबल पर टिमटिमाती मोमबत्तियाँ"-2

Started by Atul Kaviraje, January 22, 2025, 10:35:56 PM

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Atul Kaviraje

शुभ संध्या, बुधवार मुबारक हो

"डिनर टेबल पर टिमटिमाती मोमबत्तियाँ"

डिनर टेबल पर टिमटिमाती मोमबत्तियाँ, 🕯�
चमकती हैं जैसे दिलों की प्यारी बातें। 💖
सुरमई अंधेरे में, ये रोशनी सीली,
गहराई से निकलती हैं, जैसे कोई हसीन सी गीली। ✨

खुशबू से भरकर, मोमबत्तियाँ जलतीं,
रात की चुप्प, जैसे कह रही हो मिलतीं। 🌙
दो दिल, एक साथ, उसी टेबल पर बैठें,
हर कौर में मोहब्बत, हर पल में महसूस करें। 💑

मौन में भी बातें हों, आँखों से ख़ुशियाँ दिखें, 👀
हमारे बीच की दूरी, इस पल में पिघल जाए। 💞
खाने के साथ कुछ मीठी यादें जुड़ीं,
जैसे मोमबत्तियाँ, मन की बातों को छुपाए। 🍷

दिलों के बीच की वो गर्माहट है खास,
जो मोमबत्तियाँ जैसे बनातीं हैं विश्वास। 🕯�
डिनर टेबल पर, दो लोग, एक अद्भुत दृश्य,
जहां हर पल हो प्यार और विश्वास का संगीत। 🎶

संक्षिप्त अर्थ:
यह कविता डिनर टेबल पर जलती हुई मोमबत्तियों के साथ एक प्यार भरे और सुखद वातावरण को दर्शाती है। मोमबत्तियों की हल्की रौशनी और पास बैठे दो लोग एक दूसरे से अपने दिलों की बातों को महसूस करते हैं, एक सुंदर रिश्ते का निर्माण करते हैं। यह पल विश्वास, प्रेम और सौम्यता से भरा होता है। 🕯�💖🍷

चिन्ह और इमोजी:

🕯� - मोमबत्तियाँ, रोशनी
💖 - प्यार और स्नेह
✨ - चमक, आशा
🌙 - रात का समय, शांत वातावरण
💑 - प्रेम, रिश्ते
🍷 - मीठा भोजन, रिश्तों की गर्माहट
👀 - आँखों से प्यार और भावनाएँ
🎶 - संगीत, खुशी

--अतुल परब
--दिनांक-22.01.2025-बुधवार.
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