वासुदेव के रूप में कृष्ण की महत्वपूर्ण पहचान-2

Started by Atul Kaviraje, January 22, 2025, 11:16:16 PM

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Atul Kaviraje

वासुदेव के रूप में कृष्ण की महत्वपूर्ण पहचान-

लघु कविता:

**"वासुदेव कृष्ण की लीला,
धर्म की धारा से जुड़ी,
जो भक्तों को आश्रय देते,
सच्ची भक्ति को पथ दिखाती।

गोकुल में बचाई माया,
ध्यान की शक्ति, योग की राह,
हर दिल में बसते कृष्ण,
वासुदेव रूप में चिर अमर।"**

कविता का अर्थ:

यह कविता भगवान श्री कृष्ण के वासुदेव रूप की महिमा को दर्शाती है। इसमें यह बताया गया है कि कृष्ण ने हमेशा धर्म की रक्षा की और भक्ति के मार्ग को दिखाया। गोकुल में उनकी लीला और भगवान के रूप में उन्होंने जो कार्य किए, वे जीवन के प्रत्येक पहलु को समझाने के लिए थे। वासुदेव कृष्ण ने हमें यह सिखाया कि भगवान हमेशा हमारे भीतर होते हैं और वे हमें सच्ची राह दिखाते हैं।

निष्कर्ष:

भगवान श्री कृष्ण का वासुदेव रूप उनके सर्वव्यापक अस्तित्व और भक्ति के प्रति समर्पण का प्रतीक है। वे न केवल एक महान योद्धा और गुरु थे, बल्कि एक ऐसे भगवान थे जिन्होंने संसार को धर्म, भक्ति और कर्म के महत्व को बताया। वासुदेव के रूप में उन्होंने यह सिद्ध किया कि परमात्मा हर स्थिति में अपने भक्तों के साथ होता है, और उनका संदेश हमेशा हमें जीवन में संतुलन, समर्पण और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। वासुदेव कृष्ण का रूप केवल उनके दिव्य स्वरूप का प्रतिनिधित्व नहीं करता, बल्कि यह मानवता को सत्य और धर्म की ओर मार्गदर्शन देने का एक अमूल्य उपदेश है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-22.01.2025-बुधवार.
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