"दोपहर के सूरज के नीचे एक सुंदर पर्वत दृश्य"-2

Started by Atul Kaviraje, January 25, 2025, 02:27:50 PM

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Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, शनिवार मुबारक हो

"दोपहर के सूरज के नीचे एक सुंदर पर्वत दृश्य"

पहाड़ नीले रंग की छटा में उगते हैं,
सूरज की गर्म छटा से उनकी चोटियाँ चूमती हैं।
आसमान के नीचे इतना विशाल और विस्तृत,
प्रकृति की सुंदरता ज्वार को भर देती है। 🌄☀️

दोपहर का सूरज, नरम और चमकीला,
पहाड़ों को सुनहरी रोशनी में रंग देता है।
छाया फैलती है, हवा इतनी साफ,
एक शांतिपूर्ण पल, निकट आ रहा है। 🌞⛰️

हवा पेड़ों के बीच से फुसफुसाती है,
हवा के साथ धीरे-धीरे नाचती है।
हवा की हर सांस इतनी ताजा, इतनी शुद्ध,
एक अनुस्मारक कि जीवन सरल और सुनिश्चित है। 🌬�🍃

दृश्य सामने आता है, इतना भव्य, इतना विस्तृत,
पृथ्वी और आकाश, एक दूसरे के बगल में।
एक सामंजस्य इतना गहरा, इतना सच्चा,
आसमान के नीचे, दुनिया नई लगती है। 🌍💙

जैसे-जैसे सूरज ढलने और ढलने लगता है,
पहाड़ गोधूलि की छाया में चमकने लगते हैं।
शांति का एक पल, इतना दिव्य,
प्रकृति की बाहों में, हम एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। 🌅✨

अर्थ:
यह कविता दोपहर के सूरज के नीचे पहाड़ों की राजसी सुंदरता की तस्वीर पेश करती है। यह प्रकृति में पाई जाने वाली शांतिपूर्ण शांति और इसकी भव्यता से घिरे होने पर हमारे द्वारा महसूस किए जाने वाले गहन संबंध पर जोर देती है।

प्रतीक और इमोजी: 🌄☀️⛰️🌞🌬�🍃🌍💙🌅✨

--अतुल परब
--दिनांक-25.01.2025-शनिवार.
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