"लड़की बोझ नहीं, दस बेटों की इज्जत है"

Started by Atul Kaviraje, January 25, 2025, 02:29:14 PM

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Atul Kaviraje

"लड़की बोझ नहीं, दस बेटों की इज्जत है"

एक लड़की, एक खजाना, दुनिया की रोशनी,
उसकी आँखों में उम्मीद के सपने पलते हैं।
वो बोझ नहीं, कोई भारी बोझ नहीं,
बल्कि प्यार का बगीचा है, जहाँ दया बोई जाती है। 🌸💖

उसकी मुस्कान, एक प्रकाशस्तंभ, इतनी शुद्ध और उज्ज्वल,
उसमें रात को बदलने की शक्ति है। 🌙✨
एक लड़की कृपा में लिपटी ताकत है,
एक बेटी, एक बहन, कोमल आलिंगन के साथ। 🤗👧

उसकी कीमत शब्दों से परे है,
हर दिल में, वो एक कोमल दुलार है।
एक लड़की अपनी माँ के दिल का गौरव है,
उसका प्यार, उसकी ताकत, एक खूबसूरत कला। 💐👩�👧�👦

एक लड़की परिवार के आसमान में सूरज है,
वो अपना सिर उठाती है, और ऊँची उड़ान भरती है। 🌞🦋
उसके सपने बड़े हैं, उसका दिल बड़ा है,
वह प्रेम को अपना मार्गदर्शक मानकर दुनिया को आगे ले जाती है। 🌍💫

वह सिर्फ़ एक नाम नहीं है, सिर्फ़ एक चेहरा नहीं है,
वह खुशी, उम्मीद और अनुग्रह लाती है। 🌷
वह भविष्य है, भोर की रोशनी है,
एक लड़की बोझ नहीं है; वह वह जगह है जहाँ प्रेम जन्म लेता है। 🌼💕

उसका प्रेम असीम है, सोने की तरह शुद्ध है,
उसमें, आपको अनकही कहानियाँ मिलेंगी।
वह बोझ नहीं, बल्कि एक दिव्य उपहार है,
उसकी आत्मा एक खजाना है, जो हमेशा चमकती रहेगी। ✨💎

संक्षिप्त अर्थ:

यह कविता लड़कियों के अपार मूल्य और दुनिया में उनके द्वारा लाए गए अपार योगदान का जश्न मनाती है। एक लड़की कभी बोझ नहीं होती; वह गर्व, शक्ति और सम्मान का स्रोत होती है। वह दस बेटों के सम्मान की तरह है, क्योंकि वह अपने परिवार और समाज को प्रेम, अनुग्रह और अटूट साहस से समृद्ध करती है। लड़कियाँ भविष्य हैं, मार्गदर्शन करने वाली उज्ज्वल रोशनी हैं, और वे हैं जो दयालुता और बुद्धिमत्ता के साथ दुनिया का निर्माण और आकार देती हैं।

💖👧🌸✨👩�👧�👦

--अतुल परब
--दिनांक-25.01.2025-शनिवार.
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