25 जनवरी 2025 - षटतिला एकादशी-

Started by Atul Kaviraje, January 25, 2025, 11:43:55 PM

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Atul Kaviraje

षटतिला एकादशी-

25 जनवरी 2025 - षटतिला एकादशी-

षटतिला एकादशी का महत्व

षटतिला एकादशी हिंदू धर्म में विशेष रूप से महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है, जो प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत विशेष रूप से भक्तों द्वारा भगवान विष्णु की पूजा और उपवास के रूप में किया जाता है। "षट" का अर्थ होता है "छह" और "तिला" का अर्थ होता है "तिल"। इस दिन तिल के साथ पूजा और दान का विशेष महत्व है। यह एकादशी विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत फलदायक मानी जाती है।

षटतिला एकादशी का महत्व

षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और तिल दान का विशेष महत्व है। इस दिन विशेष रूप से तिल का सेवन, तिल का दान, और तिल के साथ पूजा करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव की पूजा भी लाभकारी होती है। तिल का सेवन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और शरीर से संबंधित सभी प्रकार के दोष दूर होते हैं।

इस दिन विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए व्रत और पूजन किया जाता है। साथ ही, यह एकादशी तप, संयम और श्रद्धा का प्रतीक है। इस दिन व्रति के दिल में भगवान विष्णु के प्रति गहरी भक्ति और आस्था होनी चाहिए, तभी व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है।

उदाहरण और भक्ति भाव

ऋषि-मुनियों ने इस दिन के महत्व को समझाया है और कहा है कि जो व्यक्ति इस दिन विशेष भक्ति भाव से उपवास करता है, वह संसार के सभी कष्टों से मुक्त हो जाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। भक्ति में निहित भावनाएं इस व्रत के पुण्य को और अधिक बढ़ाती हैं।

उदाहरण के रूप में, हम यह देख सकते हैं कि विभिन्न संतों ने अपने जीवन में षटतिला एकादशी के दिन व्रत करके बहुत बड़े आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किए हैं। उनका जीवन भक्ति में डूबा हुआ था और उन्होंने इसे हमेशा एक अनुशासन के रूप में अपनाया था।

लघु कविता:

"षटतिला एकादशी"

षटतिला एकादशी का व्रत मनाओ,
तिल का दान कर, पुण्य बढ़ाओ।
भगवान विष्णु का ध्यान लगाओ,
सभी कष्टों से मुक्त तुम हो जाओ।

व्रति का जीवन रहे शुद्ध सच्चा,
भक्ति में डूबे रहो, हर पल सच्चा।
तिल का तेल हो जैसे शुद्ध आशीर्वाद,
तुम्हारा हर कदम हो, पुण्य का खासाद।

इस दिन का महत्व समझो गहरे से,
भगवान के चरणों में बसा रहे प्रेम सच्चे।
षटतिला एकादशी की हो बधाई,
सभी को मिले शुभ परिणाम, यही हो राय।

षटतिला एकादशी का आध्यात्मिक लाभ

षटतिला एकादशी का व्रत न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति के लिए भी अत्यंत फलदायक है। यह व्रत व्यक्ति को संयम, तपस्या और आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करता है। साथ ही, यह पूरे परिवार के लिए सुख-समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति का कारण बनता है। धार्मिक दृष्टि से यह व्रत व्रति की आत्मा को शुद्ध करता है और जीवन में उच्च आध्यात्मिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है।

निष्कर्ष:

षटतिला एकादशी का व्रत व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का एक अद्वितीय अवसर है। यह व्रत न केवल दैहिक पुण्य अर्जित करने का मार्ग है, बल्कि यह आत्मिक उन्नति का भी रास्ता है। इस दिन तिल का दान और भगवान विष्णु की पूजा से व्यक्ति को समृद्धि, सुख और शांति की प्राप्ति होती है। यह व्रत श्रद्धा और विश्वास से पूर्ण होना चाहिए, तभी इसके पुण्यकारी परिणाम मिलते हैं।

अर्थ:

षटतिला एकादशी का महत्व अत्यधिक है और इसे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाना चाहिए। इस दिन का व्रत और पूजा न केवल भक्ति को प्रगाढ़ करता है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाता है। इस दिन तिल का सेवन और दान जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का कारण बनते हैं।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-25.01.2025-शनिवार.
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