हनुमान का जीवन और उनका अहंकार रहित दृष्टिकोण - एक भक्ति भावपूर्ण कविता-

Started by Atul Kaviraje, January 26, 2025, 12:02:49 AM

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Atul Kaviraje

हनुमान का जीवन और उनका अहंकार रहित दृष्टिकोण - एक भक्ति भावपूर्ण कविता-

हनुमान जी का जीवन, समर्पण और भक्ति से भरा हुआ था। उनका हर कदम भगवान राम के चरणों में समर्पित था। वे शक्ति, साहस और विनम्रता के अद्भुत उदाहरण थे। हनुमान जी ने कभी अपनी शक्ति का अहंकार नहीं किया। उनका जीवन यह सिखाता है कि सही मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति कभी भी अहंकार नहीं करता। उनके जीवन से हम यह सीख सकते हैं कि सच्ची शक्ति, आत्मविश्वास और सफलता में विनम्रता का बहुत बड़ा स्थान है।

कविता:-

हनुमान का जीवन हुआ समर्पण में रंग,
राम के चरणों में बसा उनका हर अंग।
शक्ति से सजे, पर अहंकार से दूर,
सच्ची भक्ति में ही उनका था गौर।

कभी नहीं किया अपने बल का घमंड,
सच्ची भक्ति में ही पाया सच्चा आनंद।
राम का नाम लिया हर मुश्किल में साथ,
अर्थहीन था उनके लिए किसी का अपमान।

सिंहासन पर राम का था विश्वास,
हनुमान ने किया अपना कर्तव्य बस।
लंका में आग लगाई बिना घमंड,
बस राम की भक्ति से था दिल का संबंध।

कभी नहीं सोचा मैं कितना महान,
राम के बिना मैं हूँ बस एक भिक्षाटन।
हमें सिखाया हनुमान ने यह सच्चा पाठ,
अहंकार से बचो, भक्ति से बनाओ अपना रास्ता।

तेल, तिल और दीपक से करो भव्य पूजन,
शक्ति में डूबे रहो, न हो कभी चूजन।
सच्ची भक्ति में है हर दर्द का इलाज,
हनुमान के मार्ग में मिलती है सद्गति का राज।

अर्थ:
यह कविता हनुमान जी के जीवन की भक्ति और अहंकार रहित दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती है। हनुमान जी ने कभी भी अपनी शक्तियों का घमंड नहीं किया। उनका मानना था कि सच्ची भक्ति और समर्पण में ही हर मुश्किल का हल है। उन्होंने भगवान राम के प्रति अपनी निस्वार्थ भक्ति को सर्वोपरि रखा और हर कार्य को राम के आदेशानुसार किया। उनकी विनम्रता और साहस हमें यह सिखाते हैं कि कोई भी शक्ति यदि सही मार्ग पर उपयोग की जाए, तो वह महान होती है।

चित्र और प्रतीक:

🦸�♂️ हनुमान जी: शक्ति और भक्ति के प्रतीक।
🙏 राम का नाम: भक्ति का आधार।
🔥 लंका दहन: हनुमान जी की शक्ति का उपयोग।
🕯� तेल और दीपक: श्रद्धा और भक्ति की अभिव्यक्ति।

निष्कर्ष:

हनुमान जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि शक्ति और साहस का असली मतलब तब होता है जब वह विनम्रता और भक्ति के साथ हो। उन्होंने कभी अपनी शक्तियों का घमंड नहीं किया, बल्कि भगवान राम की भक्ति में समर्पित होकर हर कार्य किया। हमें भी अपने जीवन में हनुमान जी की तरह अहंकार से दूर रहकर अपनी भक्ति और कार्यों को निष्कलंक रखकर सफलता की ओर बढ़ना चाहिए।

जय श्री राम, जय हनुमान! 🙏🦸�♂️

--अतुल परब
--दिनांक-25.01.2025-शनिवार.
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