के. एम. करियप्पा डे - 28 जनवरी 2025-

Started by Atul Kaviraje, January 28, 2025, 11:07:41 PM

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Atul Kaviraje

केएम करिअप्पा डे-

के. एम. करियप्पा डे - 28 जनवरी 2025-

के. एम. करियप्पा का जीवनकार्य और योगदान

भारत के पहले चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सी.ओ.ए.एस.) के रूप में इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने वाले जनरल के. एम. करियप्पा का जीवन भारतीय सैन्य इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उनका योगदान न केवल भारतीय सेना के लिए, बल्कि स्वतंत्र भारत के सैन्य ढांचे के निर्माण में भी अत्यंत महत्वपूर्ण था। 28 जनवरी को उनकी पुण्यतिथि होती है, और इस दिन को 'के. एम. करियप्पा डे' के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उनके असाधारण नेतृत्व, साहस, और सैन्य सेवाओं को सम्मानित करने का अवसर है।

के. एम. करियप्पा का जीवन कार्य

के. एम. करियप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 को कर्नाटक राज्य के शिमोगा जिले के बुद्धानहल्ली में हुआ था। उनका जीवन समर्पण, कड़ी मेहनत और देशसेवा का प्रतीक है। वे भारतीय सेना में सबसे पहले ऑफिसर थे जिन्हें भारतीय स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के रूप में नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल भारतीय सेना को नया दिशा देने वाला और उसे एक मजबूत, व्यवस्थित और आधुनिक सेना के रूप में स्थापित करने वाला था।

करियप्पा जी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने 1947-48 के कश्मीर युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पाकिस्तान द्वारा कश्मीर पर किए गए आक्रमण के समय भारतीय सेना को सफलता दिलाई। उनका यह साहस और नेतृत्व न केवल भारतीय सैन्य के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का कारण बना।

के. एम. करियप्पा का सैन्य दृष्टिकोण और नेतृत्व

के. एम. करियप्पा ने भारतीय सेना के आधुनिकीकरण और उसे उच्चतम स्तर पर प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय सैनिकों को साहस, धैर्य और दृढ़ संकल्प से लड़ने के लिए प्रेरित किया। उनका मानना था कि सेना का निर्माण केवल शारीरिक शक्ति पर नहीं, बल्कि मानसिक और रणनीतिक तैयारी पर भी होना चाहिए।

करियप्पा जी ने भारतीय सेना को न केवल युद्ध के लिए तैयार किया, बल्कि सेना के मनोबल को भी ऊंचा रखा। उनका यह योगदान भारत के सुरक्षा ढांचे के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण था। उनका नेतृत्व और उनके द्वारा की गई सेवाएं आज भी भारतीय सेना में आदर्श के रूप में देखी जाती हैं।

के. एम. करियप्पा डे का महत्व

के. एम. करियप्पा डे को मनाने का उद्देश्य उनके योगदान को सम्मानित करना और भारतीय सेना की वीरता को साकार करना है। इस दिन हम उनके जीवन और कार्यों को याद करते हुए यह संकल्प लेते हैं कि हम भी अपने देश की सेवा में अपने कर्तव्यों को निभाएंगे। यह दिन भारतीय सेना के प्रत्येक सदस्य के साहस, समर्पण और देशप्रेम को भी श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन है।

लघु कविता और अर्थ

कविता:

"के. एम. करियप्पा का साहस, देश के लिए प्रकाश,
उनके नेतृत्व में भारत हुआ, शौर्य से परिपूर्ण खास।
सेना के नायक, जिनकी मुस्तैदी की मिसाल,
देश के रक्षक, जिनकी सेवा पर हम सब को है गर्व विशाल।"

कविता का अर्थ:
यह कविता जनरल के. एम. करियप्पा के नेतृत्व, साहस और देश के प्रति उनके समर्पण को श्रद्धांजलि अर्पित करती है। यह कविता उनके योगदान को याद करते हुए हमें प्रेरणा देती है कि हम भी अपने देश की रक्षा और सेवा में उनके जैसा साहस और समर्पण दिखाएं।

के. एम. करियप्पा के योगदान के उदाहरण:

भारतीय सेना के पहले चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के रूप में नियुक्ति: 1949 में के. एम. करियप्पा भारतीय सेना के पहले चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बने। यह भारत की स्वतंत्रता के बाद भारतीय सेना के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था और उन्होंने भारतीय सेना को एक मजबूत और सुसंगठित सेना के रूप में स्थापित किया।

कश्मीर युद्ध में नेतृत्व: 1947-48 के कश्मीर युद्ध में उन्होंने भारतीय सेना के सफल संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आक्रमण का डटकर मुकाबला किया और कश्मीर में स्थिति को नियंत्रण में लाया।

सैन्य शिक्षा और आधुनिकीकरण: जनरल करियप्पा ने भारतीय सेना में आधुनिकीकरण की दिशा में कई कदम उठाए, जिसमें युद्ध कौशल, प्रशिक्षण, और रणनीतिक दृष्टिकोण को मजबूत किया गया। उनका मानना था कि सेना का कुशल नेतृत्व और उच्च स्तर का प्रशिक्षण ही सफलता का मूल मंत्र है।

निष्कर्ष:
जनरल के. एम. करियप्पा का जीवन एक प्रेरणा है जो हमें देश की सेवा में समर्पित रहने का संदेश देता है। उनके द्वारा भारतीय सेना को दी गई दिशा, उनके नेतृत्व में भारतीय सेना के किए गए कार्य और उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। 'के. एम. करियप्पा डे' हमें यह याद दिलाता है कि हम अपने देश की सेवा में अपने कर्तव्यों को किस प्रकार निभा सकते हैं और उनका योगदान हमारे लिए हमेशा प्रेरणादायक रहेगा।

धन्यवाद, जनरल के. एम. करियप्पा!

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-28.01.2025-मंगळवार.
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