कुष्ठरोग निर्मूलन दिवस - 30 जनवरी-कविता:-

Started by Atul Kaviraje, January 30, 2025, 11:00:39 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

कुष्ठरोग निर्मूलन दिवस - 30 जनवरी-कविता:-

कुष्ठरोग से बचाएं हम, समाज को जागरूक करें,
हर कदम पर हम संकल्प लें, इस रोग को दूर करें। 💪🌱

चली आ रही है शृंखला, कुष्ठ का बुरा असर,
लेकिन इलाज की शक्ति, अब है हर हाथ में तर। 💊✨

समाज को बदलें हम, और सबको दें बराबरी का हक,
कुष्ठरोग का इलाज है, चलो इसे हराएं सब मिलकर। 👫🇮🇳

आज है कुष्ठरोग निर्मूलन दिन, यह शपथ हम लें,
स्वस्थ रहें सब, न कोई भेदभाव हो, यही हम तय करें। 🌍❤️

हर मरीज को मिले समानता, न हो कोई भेदभाव,
समाज में समरसता हो, यही हो हमारा विकास। 🌼🌸

कविता का अर्थ:

यह कविता कुष्ठरोग निर्मूलन दिवस पर कुष्ठरोग से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने और इसके इलाज के महत्व को बताती है। कविता में बताया गया है कि कुष्ठरोग को पूरी तरह से इलाज किया जा सकता है, लेकिन सबसे पहले हमें समाज में इसकी सही जानकारी फैलानी चाहिए। यह समाज को जागरूक करने और कुष्ठरोग के मरीजों के प्रति भेदभाव और असमानता को समाप्त करने का संदेश देती है।

निष्कर्ष:

कुष्ठरोग एक ऐसा रोग है जो केवल शारीरिक रूप से नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी प्रभावित करता है। हमें कुष्ठरोग के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए और इसके मरीजों के प्रति सहानुभूति और समानता का भाव रखना चाहिए। कुष्ठरोग निर्मूलन दिवस यह याद दिलाता है कि हम एकजुट होकर इस रोग को समाप्त कर सकते हैं और समाज में प्रेम, भाईचारे और समानता को बढ़ावा दे सकते हैं।

इमोजी और चित्रार्थ:

💊💪🌱✨🇮🇳🌸🌍❤️

--अतुल परब
--दिनांक-30.01.2025-गुरुवार.
===========================================