कोल्हापुर की अंबाबाई और उनका ‘कोमल रूप’-

Started by Atul Kaviraje, January 31, 2025, 11:13:09 PM

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Atul Kaviraje

कोल्हापुर की अंबाबाई और उनका 'कोमल रूप'-

कविता:-

कोल्हापुर की अंबाबाई, माँ का रूप निराला,
स्नेह और शक्ति से भरपूर, उनका रूप है प्यारा। 🌸🙏
माँ की पूजा से सुख मिलता, हर दिल में बस जाए,
उनका कोमल रूप ही तो, हर कठिनाई को हराए। 💖🌼

चरणों में बसी है वह शक्ति, दिलों में बसी एक उम्मीद,
माँ अंबाबाई का आशीर्वाद, हर जीवन को देती है सिद्ध। 🌟🌹
गोपनीयता में बसी माँ, फिर भी सबको दिखातीं हैं राह,
उनकी पूजा से घटित होता, मन का सच्चा संकल्प और चाह। 🙌✨

माँ अंबाबाई का रूप कोमल, है प्रेम और संतुलन का प्रतीक,
सच्चे मन से भक्ति करें, मिलता है आशीर्वाद सबसे विशेष। 💫💖
उनकी पूजा से मिलता है, आंतरिक संतोष का अनुभव,
माँ की कोमलता से हर दुख दूर होता है, और जीवन होता है सफल। 🌸🌿

माँ के चरणों में बसा है, सुख, शांति और आशीर्वाद,
कोल्हापुर की अंबाबाई से, दूर होता हर संकट का राग। 🌼🕊�
उनकी भक्ति में सच्चा प्रेम हो, मन से समर्पण हो,
तो देखो, माँ अंबाबाई हर भक्त को, सुख और शांति से भर दे। 🙏🌟

अर्थ:
यह कविता कोल्हापुर की अंबाबाई देवी के कोमल रूप और उनके आशीर्वाद के प्रभाव को दर्शाती है। अंबाबाई की पूजा से व्यक्ति को मानसिक शांति, संतुलन, और आंतरिक सुख मिलता है। उनका रूप स्नेह और शक्ति का प्रतीक है, जो भक्तों के जीवन में हर संकट को दूर करता है और हर अच्छे काम में सफलता देता है।

इमोजी और चित्रार्थ:
🌸🙏💖🌼✨🌿🌟

--अतुल परब
--दिनांक-31.01.2025-शुक्रवार.
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