गणेश जयंती उत्सव - रुमदिवड़ा-पुरगांव-गोवा (01 फरवरी 2025)-

Started by Atul Kaviraje, February 01, 2025, 11:06:16 PM

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Atul Kaviraje

गणेश जयंती उत्सव-रुमदIवडा-पुरगाव-गोवा-

गणेश जयंती उत्सव - रुमदिवड़ा-पुरगांव-गोवा (01 फरवरी 2025)-

गणेश जयंती उत्सव का महत्व

गणेश जयंती, जिसे 'विनायक चतुर्थी' भी कहा जाता है, भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व विशेष रूप से महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटका और भारत के अन्य हिस्सों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। गोवा के रुमदिवड़ा और पुरगांव क्षेत्र में भी गणेश जयंती उत्सव का आयोजन बड़े श्रद्धा भाव और उल्लास के साथ किया जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा, उनका सम्मान और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का दिन होता है। रुमदिवड़ा और पुरगांव के लोग इस दिन भगवान गणेश की पूजा करते हुए उन्हें घर-घर जाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

गणेश जयंती का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए विशेष रूप से पूजा अर्चना, भजन-कीर्तन, आरती, और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। यह पर्व न केवल एकता और प्रेम को बढ़ावा देता है, बल्कि यह भक्ति के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, सुख, और शांति लाने का भी कार्य करता है।

गणेश जयंती उत्सव का उद्देश्य और महत्व
गणेश जयंती उत्सव का मुख्य उद्देश्य भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा व्यक्त करना और उनकी कृपा प्राप्त करना है। इस दिन विशेष रूप से लोग अपने घरों में गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनका विधिपूर्वक पूजन करते हैं। रुमदिवड़ा और पुरगांव क्षेत्र में यह दिन बड़े धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जहाँ पूरे गांव के लोग एकजुट होकर गणेश भगवान की पूजा करते हैं।

भगवान गणेश को ज्ञान, समृद्धि, और बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है। इस दिन की पूजा से न केवल व्यक्ति की समस्याएँ दूर होती हैं, बल्कि वह मानसिक शांति और सुख प्राप्त करता है। गणेश जयंती उत्सव के माध्यम से लोग एक-दूसरे के साथ प्रेम और भाईचारे के साथ मिलकर इस दिन को मनाते हैं। यह दिन न केवल धार्मिक पर्व होता है, बल्कि समाज को जोड़ने और सांस्कृतिक जागरूकता फैलाने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर होता है।

गणेश जयंती उत्सव का आयोजन रुमदिवड़ा-पुरगांव में
गोवा के रुमदिवड़ा और पुरगांव क्षेत्र में गणेश जयंती उत्सव का आयोजन विशेष रूप से बड़े हर्षोल्लास और भक्ति के साथ किया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं, और उनके दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का एक बड़ा समूह इकट्ठा होता है। यात्रा, भजन कीर्तन, लोक संगीत, और धार्मिक नृत्य कार्यक्रम इस दिन की विशेषता बन जाते हैं। पूरे गांव में भगवान गणेश के आशीर्वाद से समृद्धि और सुख का वातावरण बनता है।

गणेश की मूर्तियों को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाता है और उन्हें विशेष पूजा अर्चना और भजन के साथ घर-घर ले जाया जाता है। रुमदिवड़ा और पुरगांव क्षेत्र के लोग भगवान गणेश के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए उनके आशीर्वाद से अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

यात्रा के दौरान, भक्तगण एक साथ ढोल-ताशे और शंख की ध्वनियों के साथ भजन गाते हुए चलते हैं। यह नजारा बहुत ही भव्य और उत्साही होता है, और यात्रा के माध्यम से लोग भगवान गणेश के प्रति अपनी भक्ति और प्रेम व्यक्त करते हैं। यह यात्रा न केवल धार्मिक उत्सव होती है, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने का अवसर भी होती है।

भगवान गणेश की भक्ति पर एक छोटी कविता-

गणेश जी के साथ जुड़ा हर दिल का राग,
उनकी भक्ति में मिलती सुख, समृद्धि का भाग।
रुमदिवड़ा और पुरगांव में गूंजे आशीर्वाद की बातें,
सच्ची भक्ति से बनें जीवन की नयी राहें। 🎶

गणेश जी के चरणों में छुपी है शांति,
उनकी पूजा से बसी है जीवन की मुस्कान, जो निरंतर न बढ़े।
हर समस्या से परे हो जब गणेश का आशीर्वाद,
तो हर राह हो जाएगी आसान और खास। 🌺

गणेश जयंती उत्सव का सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
गणेश जयंती उत्सव का प्रभाव केवल धार्मिक दृष्टि तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह समाज में एकता, प्रेम और भाईचारे को भी बढ़ावा देता है। रुमदिवड़ा और पुरगांव के लोग इस दिन एकजुट होकर भगवान गणेश की पूजा करते हैं, और यह उत्सव समाज में सहयोग, सांस्कृतिक समृद्धि और भाईचारे का प्रतीक बनता है।

इस दिन का आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक उत्सव भी है, जिसमें स्थानीय कला, संगीत, और नृत्य का प्रदर्शन किया जाता है। इस दिन के दौरान भजन, कीर्तन, और लोक संगीत का आयोजन होता है, जो ग्रामीण संस्कृति और कला को बढ़ावा देता है।

यात्रा के दौरान लोग एक साथ मिलकर भक्ति के साथ यात्रा करते हैं, जिससे समाज में सामूहिक भावना और एकता का माहौल बनता है। इस प्रकार, गणेश जयंती उत्सव न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत प्रभावी है।

निष्कर्ष
गणेश जयंती उत्सव रुमदिवड़ा और पुरगांव गोवा में अत्यंत महत्वपूर्ण और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दिन भगवान गणेश के प्रति भक्ति और श्रद्धा व्यक्त करने का दिन होता है, और इस दिन की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।

यह उत्सव समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने का भी महत्वपूर्ण अवसर है, जहां लोग एक साथ मिलकर धार्मिक अनुष्ठान करते हैं और एक दूसरे के साथ प्रेम और सहयोग की भावना को प्रकट करते हैं। गणेश जयंती उत्सव न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, जो समाज में सकारात्मक ऊर्जा और एकता का संचार करता है।

ॐ श्री गणेशाय नमः
ॐ गं गणपतये नमः 🙏

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-01.02.2025-शनिवार.
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