विठ्ठल रुक्मिणी वर्धापन दिन - मालेवाडी, तालुका-आटपाडी, जिल्हा-सांगली -

Started by Atul Kaviraje, February 01, 2025, 11:08:49 PM

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Atul Kaviraje

विठ्ठल रुक्मिणी वर्धापन दिन-मालेवाडी, तालुका-आटपाडी, जिल्हा-सांगली-

विठ्ठल रुक्मिणी वर्धापन दिन - मालेवाडी, तालुका-आटपाडी, जिल्हा-सांगली (01 फरवरी 2025)-

विठ्ठल रुक्मिणी वर्धापन दिन का महत्व

विठ्ठल रुक्मिणी वर्धापन दिन एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है जो महाराष्ट्र के विभिन्न भागों में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से मालेवाडी, तालुका-आटपाडी, जिले-सांगली में अत्यधिक धूमधाम से मनाया जाता है। विठोबा (विठ्ठल) और रुक्मिणी की पूजा के इस दिन का आयोजन भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

विठोबा और रुक्मिणी की पूजा महाराष्ट्र के प्रमुख धार्मिक कार्यों में शामिल है। भगवान विठोबा की पूजा को एकता, प्रेम, भक्ति, और सच्चे समर्पण के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। रुक्मिणी का नाम भी भगवान के प्रति उनके अपार भक्ति के कारण पूज्य है। दोनों देवताओं के साथ जुड़ा यह पर्व भक्तों के जीवन में पवित्रता, आस्था और संतुलन की भावना को उत्पन्न करता है।

इस दिन को वर्धापन दिन के रूप में मनाने का उद्देश्य भगवान विठोबा और रुक्मिणी के साथ अपने रिश्ते को और भी पवित्र बनाना है, जिससे कि जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आए। यह दिन विशेष रूप से आटपाडी क्षेत्र के भक्तों के लिए एक विशेष धार्मिक पर्व होता है, जहाँ पूरे गांव और आसपास के क्षेत्रों से लोग एकत्र होकर पूजा-अर्चना करते हैं।

विठ्ठल रुक्मिणी वर्धापन दिन का उद्देश्य
विठोबा और रुक्मिणी के साथ जुड़ा वर्धापन दिन विशेष रूप से भक्ति भाव को प्रगाढ़ करने और भगवान की आशीर्वाद प्राप्त करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण भगवान विठोबा और रुक्मिणी के सामने अपने कष्टों से मुक्ति और मानसिक शांति की प्रार्थना करते हैं। इसे एक प्रकार से अपने जीवन में भगवान की उपस्थिति और आशीर्वाद का आभास करने का अवसर माना जाता है।

वर्धापन दिन की पूजा से न केवल व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि यह समाज में भाईचारे और एकता की भावना को भी बढ़ावा देती है। मालेवाडी और आसपास के क्षेत्रों में यह दिन विशेष रूप से सामाजिक एकता और संस्कृति के प्रति श्रद्धा का प्रतीक बन जाता है। भक्तगण एक साथ मिलकर धार्मिक अनुष्ठान करते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।

विठोबा रुक्मिणी वर्धापन दिन की पूजा विधि
इस दिन की पूजा विधि में विशेष ध्यान रखा जाता है कि भक्तगण भगवान विठोबा और रुक्मिणी को श्रद्धा और प्रेम के साथ पूजा अर्चना करें। पूजा की शुरुआत दीपक जलाकर होती है, फिर भगवान की मूर्तियों को स्नान कराकर उन्हें ताजे फूलों से सजाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से मीठे पकवानों का भोग भगवान को अर्पित किया जाता है।

पूजा के दौरान भक्तगण हरिपाठ, भजन और कीर्तन करते हैं, जिनमें भगवान विठोबा के दिव्य रूप का गुणगान किया जाता है। भक्तगण कर्तन करते हुए भगवान के नाम का जप करते हैं, जिससे पूरे वातावरण में भक्तिमय और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

मालेवाडी में इस दिन बड़े पैमाने पर विठोबा रुक्मिणी के मंदिर में विशेष पूजा और भजन संध्या का आयोजन किया जाता है। मंदिर के आसपास रंगीन रौशनियाँ लगाई जाती हैं और पूरी जगह भक्तों से भर जाती है, जो एक साथ मिलकर इस दिन का पर्व बड़े श्रद्धा भाव से मनाते हैं।

विठोबा रुक्मिणी पर एक छोटी कविता-

विठोबा के चरणों में बसी है हर सुख की छांव,
रुक्मिणी की भक्ति में सजी है एक नया रूप सा प्यार।
प्यार, भक्ति और विश्वास की हो यह झलक,
विठोबा रुक्मिणी के आशीर्वाद से जीवन हो खुशहाल और आभायुक्त। 🌼

हाथ में डंडा लिए, चरणों में बसी है शांति,
हर दिल में बसी है विठोबा की भक्ति।
रुक्मिणी के साथ विठोबा का मिलन हो सौभाग्य,
यह दिन सहेजे हम सब, एकता और प्रेम का संदेश। 🌸

विठोबा रुक्मिणी वर्धापन दिन का सांस्कृतिक प्रभाव
विठोबा रुक्मिणी वर्धापन दिन केवल धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि यह समाज के सांस्कृतिक और सामाजिक ताने-बाने को भी मजबूती से जोड़ने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन के आयोजन से यह साबित होता है कि भक्ति और प्रेम की भावना से हम अपने समाज में एकता और शांति की स्थापना कर सकते हैं।

मालेवाडी और आसपास के क्षेत्र में इस दिन के आयोजन से यह स्पष्ट होता है कि यहाँ के लोग न केवल अपने धार्मिक आस्थाओं को बनाए रखते हैं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को भी सम्मान देते हैं। इस दिन के आयोजन में स्थानीय कला, संगीत, और लोक नृत्य का प्रदर्शन किया जाता है, जो न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक जागरूकता को भी बढ़ावा देता है।

यह दिन सभी को एकजुट होने का और भगवान विठोबा और रुक्मिणी के आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखमय बनाने का प्रेरणा देता है। यह उत्सव सामाजिक समरसता और प्रेम का प्रतीक बनता है, और हर दिल में भगवान की भक्ति और आस्था को मजबूत करता है।

निष्कर्ष
विठोबा रुक्मिणी वर्धापन दिन मालेवाडी, तालुका-आटपाडी, जिल्हा-सांगली में अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह दिन भगवान विठोबा और रुक्मिणी के साथ हमारे संबंध को और भी प्रगाढ़ करने का अवसर देता है, और हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। इस दिन का आयोजन धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

विठोबा रुक्मिणी वर्धापन दिन से हम सबको यह सिखने को मिलता है कि भक्ति और प्रेम से जीवन में हर विघ्न और कष्ट को दूर किया जा सकता है, और एकजुट होकर हम समाज में प्रेम और भाईचारे का माहौल बना सकते हैं।

जय श्री विठोबा रुक्मिणी
ॐ नमो विठोबाय नमः 🙏

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-01.02.2025-शनिवार.
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