विठ्ठल रुक्मिणी विवाह सोहळा-वढे-तालुका-जिल्हा-सातारा-

Started by Atul Kaviraje, February 02, 2025, 11:01:13 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

विठ्ठल रुक्मिणी विवाह सोहळा-वढे-तालुका-जिल्हा-सातारा-

विठोबा रुक्मिणी विवाह सोहळा – वढे, सातारा:-

विठोबा रुक्मिणी विवाह सोहळा एक अत्यंत पवित्र और भव्य धार्मिक आयोजन है, जो विशेष रूप से महाराष्ट्र के वढे गांव में मनाया जाता है। यह उत्सव विठोबा और रुक्मिणी के विवाह के इतिहास को सम्मानित करने के लिए होता है। हर साल 2 फरवरी, माघ मास की शुक्ल पंचमी को आयोजित होने वाला यह विवाह सोहळा, एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है। वढे तालुका, जो जिले के सातारा में स्थित है, में इस आयोजन को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन वढे गांव के लोग विठोबा और रुक्मिणी के विवाह का उत्सव मनाते हुए भगवान विठोबा के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करते हैं।

विठोबा रुक्मिणी विवाह का धार्मिक महत्व:
विठोबा और रुक्मिणी का विवाह हिंदू धर्म में प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। यह विवाह विशेष रूप से उस समय को याद करता है जब रुक्मिणी, जो द्वारका के राजा भीष्मक की बेटी थीं, ने भगवान श्री कृष्ण को अपने जीवनसाथी के रूप में चुना। रुक्मिणी का प्रेम और विश्वास भगवान श्री कृष्ण पर अडिग था, और वह उनका विवाह अपनी इच्छा से करना चाहती थीं। भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मिणी की इच्छा का सम्मान किया और उन्हें उनके भाई शिशुपाल से बचाकर लेकर आए और उनका विवाह पंढरपूर में हुआ। विठोबा और रुक्मिणी का विवाह एक अलौकिक प्रेम कहानी है, जो भक्तों को सच्चे प्रेम, विश्वास और समर्पण की शिक्षा देती है।

वढे में हर साल इस विवाह सोहळे का आयोजन होता है, जिसमें स्थानीय लोग और अन्य श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह आयोजन विशेष रूप से भक्ति, पूजा, कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठानों से भरा होता है। यहाँ लोग अपने घरों में देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद, गांव के मंदिरों में भी विठोबा और रुक्मिणी की पूजा करते हैं और उनके विवाह का उत्सव मनाते हैं।

सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व:
विठोबा रुक्मिणी विवाह सोहळा न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है। यह अवसर गांव के लोग एक साथ आते हैं, आपस में प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलाते हैं। इस दिन को लोग अपनी धार्मिक भावनाओं और सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करने के रूप में मनाते हैं।

इस उत्सव के दौरान विभिन्न प्रकार के भजन, कीर्तन, नृत्य, और संगीत की प्रस्तुति होती है, जिससे वातावरण भक्ति और आनंद से भर जाता है। गांव के लोग अपने पारंपरिक पहनावे में सज-धजकर मंदिरों में जाते हैं, और वहाँ पर विठोबा रुक्मिणी की पूजा करते हैं। यह दिन वढे के हर घर में उत्सव का माहौल पैदा करता है, और सभी लोग एक दूसरे से मिलकर खुशी मनाते हैं।

विठोबा रुक्मिणी विवाह सोहळा का आयोजन:
वढे गांव में इस विवाह सोहळे का आयोजन बहुत भव्य और धूमधाम से किया जाता है। यहाँ के मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन होता है, जहाँ पर श्रद्धालु भगवान विठोबा और रुक्मिणी की आराधना करते हैं। इस दिन गांवभर में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, कीर्तन और भजन होते हैं, और भक्तगण इसमें भाग लेते हैं।

सोहळे की शुरुआत में लोग मंदिर में जाकर विधिपूर्वक पूजा अर्चना करते हैं, और फिर विवाह के अवसर पर विठोबा और रुक्मिणी की मूर्तियों की विशेष सजा-धजा की जाती है। बाद में, विवाह के आयोजन की संगीतमय प्रस्तुतियाँ होती हैं, जिसमें लोक नृत्य और पारंपरिक गीत शामिल होते हैं। श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते हैं और आपस में प्रेम बांटते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य केवल धार्मिक कर्म नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना है।

लघु कविता:-

"विठोबा रुक्मिणी विवाह"

वढे में आई सजीव धारा, भक्ति की रुत आई,
विठोबा रुक्मिणी का विवाह, समृद्धि लाने आई। 🌸
सच्चे प्रेम में समर्पण का रंग बसा,
हर दिल में बसी प्रेम की रेखा। 💖

भक्ति की शक्ति से गूंज उठी वढे की धरती,
सभी भक्त एकत्रित हुए, उत्सव की हर दिशा। 🙏🎶
विठोबा रुक्मिणी का विवाह हो आशीर्वाद से भरा,
सभी जीवन में सुख, शांति और आशीर्वाद का समारा। 🌼✨

विठोबा रुक्मिणी विवाह का भक्ति भाव:
यह विवाह सोहळा भक्तों के लिए एक अत्यंत पवित्र और भावुक अनुभव है। भक्त इस दिन भगवान विठोबा और रुक्मिणी के विवाह में भाग लेने के लिए अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं। पूजा, भजन, कीर्तन, और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से वे भगवान के प्रति अपने प्रेम और समर्पण को व्यक्त करते हैं। इस दिन का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि भक्त भगवान से न केवल समृद्धि और आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं, बल्कि अपने जीवन में सच्चे प्रेम, विश्वास और भक्ति की शक्ति को स्वीकार करते हैं।

विठोबा रुक्मिणी विवाह सोहळा भक्तों को यह याद दिलाता है कि भगवान के प्रति सच्चा प्रेम और भक्ति ही जीवन का असली उद्देश्य है। यह उत्सव जीवन के प्रत्येक पहलू में ईश्वर के प्रति श्रद्धा और भक्ति की आवश्यकता को दर्शाता है।

निष्कर्ष:
विठोबा रुक्मिणी विवाह सोहळा वढे गांव में एक धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव न केवल धार्मिक पूजा का अवसर है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजन भी है, जो समाज में प्रेम, भाईचारे और एकता का संदेश फैलाता है। इस दिन भगवान विठोबा और रुक्मिणी की पूजा करने से भक्त अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

विठोबा रुक्मिणी विवाह की शुभकामनाएँ! 🌸🙏

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-02.02.2025-रविवार.
===========================================