शिव और उनके भक्त - कविता-

Started by Atul Kaviraje, February 03, 2025, 11:01:59 PM

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Atul Kaviraje

शिव और उनके भक्त - कविता-

चरण 1
शिव शिव महादेव, गूंजे उनका नाम,
हर दिल में बसी उनकी, दिव्य छवि का राम। 🙏✨
भक्ति से भरा है, भक्तों का संसार,
शिव का आशीर्वाद, हर दिल में स्वीकार। 💖🕉�

चरण 2
शिव के दर्शन से, होती है शांति की बात,
सच्चे भक्तों के दिलों में बसी एक सौम्य सौगात। 🌸💫
नंदी के संग, शंकर की गाथा गाए,
शिव के प्रेम में हर भक्त अपना जीवन बिताए। 🐂💞

चरण 3
रावण, कबीर, और गंगाधर की तरह,
भक्ति में लहराते हैं, शिव के चरणों के सागर। 🌊🕊�
तेरा नाम लिया, तो मन हुआ शांत,
तू है निराकार, फिर भी साकार का रूप। ✨💖

चरण 4
शिव के अभंग गाते, भक्त होते समर्पित,
चरणों में बसी दिव्यता, उनके पास सब कुछ शुद्ध। 🌼🙏
भोलेनाथ की भक्ति में जो समाए,
सच में जीवन में केवल वो ही महमाए। ✨🌿

अर्थ:
भगवान शिव की भक्ति के माध्यम से हम सीखते हैं कि सच्ची भक्ति में न केवल पूजा-पाठ, बल्कि समर्पण, शांति और प्रेम का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है। उनका मार्ग निर्मलता, समाज सेवा, और मानवता की उच्चतम भावना से जुड़ा है। शिव की भक्ति हमें समानता, प्रेम और दया की राह दिखाती है, जहां कोई भेदभाव नहीं होता, और हर एक के दिल में शिव की दिव्य महिमा बसी होती है।

शिव के चरणों में बसी है हमारी सच्ची शांति,
जो श्रद्धा और प्रेम से शिव का मंत्र जपे। 🌸✨
शिव के आशीर्वाद से भरा हुआ जीवन,
भक्तों को मिलता है, सच्चा सुख और शांति का अनुभव। 💖🕉�

🙏 शिव के भक्तों का जीवन हमेशा हमें यह सिखाता है कि प्रेम, विश्वास, और आत्मसमर्पण के साथ, हम भी शिव के दिव्य मार्ग पर चल सकते हैं और अपनी जीवन यात्रा को सरल और शांतिपूर्ण बना सकते हैं। 💫

--अतुल परब
--दिनांक-03.02.2025-सोमवार.
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